Sunday, July 12, 2009

यादें

जब भी मै
अकेली होती हूँ
यादें घिर
आती है ।
पर जब
होती हूँ व्यस्त
ये उड़न छू
हो जाती है ।

बिना किसी
आहट के
जब -जब भी
ये आती है ।
मेरे वर्तमान
जीवन में
अतीत की छाप
छोड़ जाती है।

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