Thursday, March 22, 2012

नहीं गिला

अपने जब
चिर विदा ले तो
दे जाते है
हमे असीम गम
साल बीतने
को आया पर
याद आते ही
आँखे होती
आज भी नम
तुम्हे खोने
का बोझ
मन पर है
बड़ा ही भारी ।
चल चित्र
की तरह
बीता समय
सामने आने
का क्रम अब
भी है ज़ारी ।
अब तुम नहीं
पर यादें है साथ ।
आज भी मार्गदर्शन
होता है और
बन जाती है
बिगडती बात ।
खुश हूँ कि
सालो तुम्हारा
आत्मिय साथ मिला।
तुम्हारा असहनीय
दर्द देखा समझा
इसीसे जिन्दगी
से नहीं किया
कोई गिला।