अपनत्व
बहुत सुंदर ।
bahut khoobhttp://dilkikalam-dileep.blogspot.com/
बहुत ही सार्थक एवं तर्कपूर्ण अभिव्यक्ति ! रिश्तों का हनन दंभ ही करता है ! बहुत खूब ! बधाई व आभार ! http://sudhinama.blogspot.comhttp://sadhanavaid.blogspot.com
वाह! बहुत सुंदर अभिव्यक्ति!!
...प्रसंशनीय !!!
अदभुत रचना....बाकी साधना जी ने कह ही दिया है मन कि बात ..
बहुत ही सही कहा
बिलकुल सच..दंभ से ही रिश्ते खत्म हो जाते हैं....सार्थक रचना
बहुत खूब कहा ...दम्भ ही रिश्ते बिगाड़ता है ।
सही है !!
very truenice poem
बेहतरीन रचना .....
बहुत गहरी सोच सुंदर अभिव्यक्ति!!
सही कहा है आप ने ..
सच है रिश्तों में दंभ नही होना चाहिए ... दोनो साथ साथ नही रहते ...
kitna satya hai ,deemak ki tarah khodta hai dheere dheere aur ek din vinash saath liye hota hai ,iska janm hi anarth hai .uttam vichaar .
बहुत प्रभावपूर्ण रचना . पहली बार आपके ब्लोग पर आया.. कई राच्नाये पढी..,आप बहुत अच्छ लिखति है
एकदम सच । सुन्दर लेख ।
बहुत बढ़िया लिखा है आपने जो काबिले तारीफ़ है! आपकी लेखनी को सलाम! बधाई!
यही समझ गये तो आधी ज़िन्दगी जी ली और आपने कहा तो हमे समझना ही है.. :)कभी ऎसा ही कुछ हमने भी यहा कहा था..
Dambh aur rishtey ek saath nahin chalte.
प्रेरक ।
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22 comments:
बहुत सुंदर ।
bahut khoob
http://dilkikalam-dileep.blogspot.com/
बहुत ही सार्थक एवं तर्कपूर्ण अभिव्यक्ति ! रिश्तों का हनन दंभ ही करता है ! बहुत खूब ! बधाई व आभार !
http://sudhinama.blogspot.com
http://sadhanavaid.blogspot.com
वाह! बहुत सुंदर अभिव्यक्ति!!
...प्रसंशनीय !!!
अदभुत रचना....बाकी साधना जी ने कह ही दिया है मन कि बात ..
बहुत ही सही कहा
बिलकुल सच..दंभ से ही रिश्ते खत्म हो जाते हैं....सार्थक रचना
बहुत खूब कहा ...दम्भ ही रिश्ते बिगाड़ता है ।
सही है !!
very true
nice poem
बेहतरीन रचना .....
बहुत गहरी सोच सुंदर अभिव्यक्ति!!
सही कहा है आप ने ..
सच है रिश्तों में दंभ नही होना चाहिए ... दोनो साथ साथ नही रहते ...
kitna satya hai ,deemak ki tarah khodta hai dheere dheere aur ek din vinash saath liye hota hai ,iska janm hi anarth hai .uttam vichaar .
बहुत प्रभावपूर्ण रचना . पहली बार आपके ब्लोग पर आया.. कई राच्नाये पढी..,आप बहुत अच्छ लिखति है
एकदम सच । सुन्दर लेख ।
बहुत बढ़िया लिखा है आपने जो काबिले तारीफ़ है! आपकी लेखनी को सलाम! बधाई!
यही समझ गये तो आधी ज़िन्दगी जी ली और आपने कहा तो हमे समझना ही है.. :)
कभी ऎसा ही कुछ हमने भी यहा कहा था..
Dambh aur rishtey ek saath nahin chalte.
प्रेरक ।
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