ही रहे अगर
जीवन में हमारा
जीवन में हमारा
केंद्र बिन्दु ।
शायद इस से
भविष्य कभी नहीं
बनेगा चिंता का
विषय , मेरे बंधू ।
जब है आप व्यस्त
तो समय कंहा
कि बैठ करे नाहक
चिन्ता , विचार ।
आज सुधारिये
चिन्ता , विचार ।
आज सुधारिये
बोइये , सींचीये
तब ही तो आएगी
जीवन मे कल बहार ।
20 comments:
इस कविता में यथार्थबोध के साथ कलात्मक जागरूकता भी स्पष्ट है।
बहुत सटीक बात कही है..हम लोग भूत और भविष्य पर ही विचार करते हैं और आज जो वर्तमान है उसे नज़रंदाज़ ...बहुत खूब शिल्प है...बधाई
आज सुधारिये
बोइये, सींचीये
तब ही तो आएगी
जीवन मे कल बहार।
बीती ताहि बिसारिये - आगे की सुधि लेऊ.
छोटी बात बड़ी सीख
बहुत ही सही कहा आपने, अनुपम शब्द रचना ।
baat to sahi hai,par aisa kahan hai !
जब है आप व्यस्त
तो समय कंहा
कि बैठ करे नाहक
चिन्ता , विचार
Bahut achhi baat kahi aapne Maaji..
बहुत सुंदर ढ़ंग से वर्तमान में जीने की राह बताई है ।
जब है आप व्यस्त
तो समय कंहा
कि बैठ करे नाहक
चिन्ता , विचार ।
बिल्कुल सही कहा है आपने! बहुत अच्छी लगी खासकर ये पंक्तियाँ! सुन्दर भाव और अभिव्यक्ति के साथ आपने शानदार रचना लिखा है!
Aadarnniya aapanatv ji aapane ekdam sahi kha .jab ham mauj masti main khooye rahate hain to fir bhviysa ki chinta kahan karate hain bahut hi khari baat kaaahi hai aapane aati sundar .
poonam
Sarita,
Maine tumhari kavita padi. bahut accha laga.
Pushpa
आज सुधारिये
बोइये , सींचीये
तब ही तो आएगी
जीवन मे कल बहार ...
आशा और सुखी जीवन का दर्शन छिपा है इस रचना में .......... बहुत अच्छा लिखा .......
waah aasha ke saath jeevan nirwaah karne ka sandesh deti hui ye rachna kabile tarif hai .bahut hi sundar ,aaj ki jaroort .
so true...we cannot just keep thinking about future without working on present..further we also need to enjoy the present...else there will be no moment left in future..and we will fall back in the loop
bahut chahane par bhee aisa nahin ho pata.....kash! ausa hota...to
koee nayan badhlee na bante
keval kajaree kahate|
aapko padna achchha laga...
s-sneh
Gita
Kitne sanjeeda saral khayalaat hai" apnatv" nazar ata hai!
apantava ...bahut sahi v sachaa sandesh ..jaisa boyenge waisa kaatenge ....bhavisya ke sudhar hetu aapko aaj ke kshan ko jeene ki gunvatta per dhyan dena hoga ...dhanyawad ...
bahut khoob!
aur aapke apar sneh ke liye main aabhari hoon
Aaj shaayad pahli baar padha aapko... bilkul sahi sandesh deti rachna
badhayee ho
ravish ji ka blog -nai sadak.blogspot.com...
"sadi ka mahanalayak" isi article ne mujhe likhne ko majboor kiya hai..
aapka bhi hardik aabhar!
अद्भुत रचना। कल की फिक्र में आज खत्म कर लेते है..तो कल का खत्म होना लाजमी है। आपके विचार से सहमत हूं। रिधम और उसकी मम्मी दोनों ही खुश हैं।
हैप्पी वेलेंनटाईन डे पर आपको एक गिफ्ट अगर पहले न मिला हो तो...फेसबुक एवं ऑर्कुट के शेयर बटन
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