सपना देखते देखते
ही नींद टूटी ।
लगा आज देर
से मै उठी ।
जल्दी जल्दी काम
मे , मै जुट गई ।
सपना क्या था
ये भी भूल गई ।
पर अन्तः करण मे कंही
ये एहसास था ।
बड़े ही हल्केपन का
आभास साथ था ।
लग रहा था जैसे
सारा जंहा ही
है बस अपना ।
दुआ कर रही कि
सभी को आए
ऐसा ही सपना ।
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11 comments:
खूबसूरत एहसास से सजी अच्छी रचना....बधाई
cute dreams...
nice :)
Apanatva ke ehsaas ka naya andaz...achcha laga...aur kamna hai aage bhi isi tarah lagta rahe
Aapka Neelesh,
neelesh.nkj@gmail.com
Mumbai
beautiful poem full of emotions.
सपने में मासूम एहसास जागें तो अछा लगता है ........ सुंदर अभिव्यक्ति है ......
आपको और आपके परिवार को नए साल की हार्दिक शुभकामनायें!
बहुत बढ़िया रचना लिखा है आपने!
बहुत सुन्दर सपना है ऐसे सपने तो रोज़ रोज़ आयें बहुत सुन्दर रचना है बधाई
यें बहुत सुन्दर रचना है बधाई
क्या बात हैं ?
आप की दुआ हमें कुबूल हैं....
धन्यवाद
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