सबसे बड़ा दुश्मन है
सच मानिये इसे
ये नहीं कोई उपहास ।
गवाह है हमारे
सभी ग्रन्थ महाभारत
रामायण , गीता और
भारत का अपना इतिहास ।
आदिकाल मे आदमी
कंदराओ, गुफ़ाओं मे भी
सुरक्षित महसूस करता था ।
अपने दुश्मन को आसानी से
पहचान , परख सकता था ।
और आज का आलम
ये है कि हमारे
तथाकथित सभ्य चुने नेता
अपनो के बीच भी
अपने को सुरक्षित नहीं
महसूस करते है ।
इसीलिये तो स्वयम
की सुरक्षा के लिए
ब्लैक कमांडोज़* की
डीमांड* रखते है ।
आम आदमी की जान
की , नहीं रह गयी
अब कोई कीमत ।
हादसों मे मरते रहते
है यूं ही ये अनगिनत ।
सोचती हूँ .......
ऐसे नेता
जिन्हें अपनी ही जान के
पड़े हो लाले ।
क्या वे काबिल है ?
बनने के लिए
देश के भविष्य
के रखवाले .........................
अभी - अभी बजट पेश होते समय देखा है जो नज़ारा ।
इस तरह की नेतागिरी से तो विश्वास है उठा हमारा । ।
*क्षमा करे इन अंग्रेज़ी शव्दों के प्रयोग के लिये