हलचल ने किया
है प्रस्थान
तो हुआ है
ठहराव का
आगमन ।
लगता है
सब कुछ
व्यवस्थित है
इस विश्वास का
है स्वागतम ।
धडकनों ने भी
गति धीमी
कर ली अब
विश्राम कर रहा
चिंतन-मनन ।
हलचल से दूरी
विश्वास से लगाव
इसी प्रकृति से ही
तो आता है सभी के
जीवन मे ठहराव ।
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2 comments:
Its very beautiful
Amazing!! Just loved the last lines!!
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