सदियों स्वाति की बूंद बरसती है, तब कहीं जाकर एक सीप का खुला मुँह उसे मोती में बदल देता है... आपकी छोटी छोटी कविताएँ, जीवन के बड़े बड़े ज्ञान को इस ब्लॉग के सीप में क़ैद कर, एक मोती की मानिंद प्रस्तुत करती हैं...हम कृतार्थ हुए ऐसी रचनाओं को पढकर!!
आपने गागर में सागर देने का करिश्मा कर दिखाया. छुई मुई सी रचना में इतनी गम्भीर बात, कमाल. आप विदेश भ्रमण पर हैं, जान कर खुशी हुई. वापसी पर संस्मरण जरूर पोस्ट कीजिएगा. आप मेरे ब्लॉग तक आईं, पढ़ा और पसंदगी का इज़हार किया, सौ बार शुक्रिया.
एक बार फिर कम शब्दो में, जीवन की सच्चाई को बिखेरते हुए, आपकी रचना बेहद पसन्द आई । slip disc के कारण दस दिनो से bed rest पर था, इसलिये देरी से आया । आप सबके आशिर्वाद से अब बेहतर हूँ । और हाँ, आपने जो दादीजी के मुहावरे को पूरा किया, उसके लिये भी बधाई।
29 comments:
वाह! क्या बात है, बहुत ही कम शब्दों में आप बहुत बड़ी बड़ी और शिक्षाप्रद बातें कह जाती हैं!
आप वाकई अपनापन से भरी हैं ,मैं खुशकिस्मत हूँ आपके स्नेह के लिए ! आभार !
आस्ट्रेलिया भ्रमण शुभ हो और आप हँसते हुए वापस लौटें !
विवेक
सच मानिये
सारे घोड़े बेच कर
सुख की नींद
चैन से सो जाता है ......
ज्ञान का अथाह सागर है आपका ब्लॉग और आपकी लेखनी से निकले शब्द।
उताम प्रस्तुति।
Yan zindika anubhav bol raha hai! Aisi baaten apne palle se baandh ke rakh leni chahiyen!
सदियों स्वाति की बूंद बरसती है, तब कहीं जाकर एक सीप का खुला मुँह उसे मोती में बदल देता है... आपकी छोटी छोटी कविताएँ, जीवन के बड़े बड़े ज्ञान को इस ब्लॉग के सीप में क़ैद कर, एक मोती की मानिंद प्रस्तुत करती हैं...हम कृतार्थ हुए ऐसी रचनाओं को पढकर!!
अपकी यात्रा सुखद और मंगलमय हो... बस जल्दी से आ जाइएगा.. एक परिवार यहाँ भी आपके इंतज़ार में है...
kam shabdon me bahi sarthak baat kahi...
सार गर्भित सत्य वचन!
बहुत खूबसूरती से इतनी बढ़िया सीख दी है.....
सुन्दर अभिव्यक्ति..
bahut hi badhiyaa
nice educational poem
yes thinking mind sleeps
सारे घोड़े बेच कर
सुख की नींद
चैन से सो जाता है
But poems like yours help them to wake up .
....लाजवाब !!
लाजवाब रचना ........
’घोड़े बेच कर सोना ’ इस मुहावरे की कवितामय प्रस्तुति अच्छी लगी ।
bilkul sahi!
सुंदर भाव लिए रचना |बधाई
आशा
wah wah!
sayad kuch kami rhe gayi jis ko pura karna aaj ka insaan bhul gaya hai
Sateek ukti....
Saarthak prastuti ke liye bahut dhanyavaad.
very true!!!
उत्कृष्ट रचना ।
very nice.....
आपने गागर में सागर देने का करिश्मा कर दिखाया. छुई मुई सी रचना में इतनी गम्भीर बात, कमाल.
आप विदेश भ्रमण पर हैं, जान कर खुशी हुई. वापसी पर संस्मरण जरूर पोस्ट कीजिएगा.
आप मेरे ब्लॉग तक आईं, पढ़ा और पसंदगी का इज़हार किया, सौ बार शुक्रिया.
gagar me sagar.badhai.
एक बार फिर कम शब्दो में, जीवन की सच्चाई को बिखेरते हुए, आपकी रचना बेहद पसन्द आई । slip disc के कारण दस दिनो से bed rest पर था, इसलिये देरी से आया । आप सबके आशिर्वाद से अब बेहतर हूँ । और हाँ, आपने जो दादीजी के मुहावरे को पूरा किया, उसके लिये भी बधाई।
beautiful
http://bejubankalam.blogspot.com/
बहुत ही सुन्दर और भावपूर्ण रचना! बधाई!
bahut snehatav hai aapki kavitaon mein :)
http://liberalflorence.blogspot.com/
जी बहुत सही..
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