भाग्य को सर्वोपरि मान बैठा मैकबेथ जीवन की पहेली बूझना तो दूर, उसमें ऐसा उलझता चला गया कि जीवन ने उसका साथ छोड़ दिया... आज आपकी कविता ने पुनः सिद्ध कर दिया कि परिस्थितियों से जूझे बिना जीवन की पहेली का हल सम्भव नहीं...आपके चरणों में हमारा सस्नेह वंदन!!!
Very nice poem aunnie...ab to aap century holder hain...its showing up in your writings...aapki kavitaayein...more simple and more philosophical ho gayi hain...good to read specially becos these days newspaper and other public literature is full of negativity both in politics and community....hardly any take home message...aap aisi hee sundar kavitayaan likh kar subkey munn ko prafullit karein issi aasha key saath "Happy Mothers Day" with love Aabha
20 comments:
Paheli chahe anbujh ho,jeeven se jhoojna to zaroori hai..zindageeke anubhav se upje alfaaz hain aapke..
ऐसे लोग अपने साथ और अपनों के साथ अन्याय ही करते हैं ! हताशा के साथ भी क्या जीना !
सही है.....भले ही जिंदगी पहेली हो बुझाने की कोशिश तो करनी पड़ती है....
मैंने कभी लिखा था....
जिंदगी-
एक ऐसी पहेली
जो बूझते बूझते
खत्म हो जाती है
पर -
उत्तर नहीं मिलता
ekdam satya vachan
बिल्कुल सही कहा आप ने..
सत्य कथन ।
वाह! बहुत ही कम शब्दों में आप अपनी बात कह जाती हैं!
there is nothing like luck its foolishness
आपने सही कहा है ! मैं तो यही मानती हूँ कि ज़िन्दगी के हर पल ख़ुशी से जीना चाहिए! उम्दा प्रस्तुती!
बहुत अच्छी प्रस्तुति।
इसे 09.05.10 की चर्चा मंच (सुबह 06 बजे) में शामिल किया गया है।
http://charchamanch.blogspot.com/
सच को आईना दिखा दिया आपने । कम शब्दो मे बेहतरीन रचना ।
भाग्य को सर्वोपरि मान बैठा मैकबेथ जीवन की पहेली बूझना तो दूर, उसमें ऐसा उलझता चला गया कि जीवन ने उसका साथ छोड़ दिया... आज आपकी कविता ने पुनः सिद्ध कर दिया कि परिस्थितियों से जूझे बिना जीवन की पहेली का हल सम्भव नहीं...आपके चरणों में हमारा सस्नेह वंदन!!!
Very nice poem aunnie...ab to aap century holder hain...its showing up in your writings...aapki kavitaayein...more simple and more philosophical ho gayi hain...good to read specially becos these days newspaper and other public literature is full of negativity both in politics and community....hardly any take home message...aap aisi hee sundar kavitayaan likh kar subkey munn ko prafullit karein issi aasha key saath "Happy Mothers Day" with love Aabha
हिंदू दर्शन में नियति और पौरुष दोनों की बात कही गई है ... पर आज हम पौरुष को भूल कर केवल नियति को ही याद रख पाए हैं ...
सच है ... हालात को स्वीकार करना और मेहनत करना ही रास्ता है ...
आपकी रचना हर बार नई सोच लिये सामने आती है ,तबियत सही है सफ़र मे व्यस्त हू ,अभी १४ को रायपुर जा रही हू ,जून मे मिलती हू .
satya ko bade hi pyare dhang se piroya hai aapne...
bhadhai!!!
ped ke niche leta murakh aam aam chillaye, lekin daal talak jo pahunche, aam usine khaye
aapki 'meri dadi'wali post nahi khul rahi ,phir koshish karungi
शाश्वत सत्य की सहज और सुन्दर अभिव्यक्ति. बहुत बढ़िया....... धन्यवाद !!!
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