फिसल बहा ना ले जाए विचारों की सार्थकता फिसलन से ही तो साथ जाता है छूट ------sach kaha apne bhavnaon aur soch men balancwe to banana hee padata hai. Poonam
यकीन मानें, आज आपके व्लॉग पर आकर शिकायत करने वाला था कि हमसे क्या नाराज़गी है कि आप सारी दुनिया घूम आती हैं, लेकिन हमारे दर पर आने से परहेज करती हैं... आप हमारी बुज़ुर्ग हैं और हमारे लिए पूज्य भी, इसलिए आपका आशीर्वाद ही हमारा ईनाम है… अपने आशीष का हाथ बनाए रखिए, हमारी लेखनी आपकी उम्मीदों पर खरी उतरेगी...
29 comments:
भावनाओं पर
सोंच की पकड़
रखनी पडती ही
है बड़ी मज़बूत ।
Maa ji Saarthak aur Prerak prastuti ke liye dhanyavaad.
bahut khoob saadar pranam...
bhawnaon par soch ki pakar, bahut achchhi salah hai..........dhyan rakhunga..........:)
Awesome , i simply admire all ur creations !!!
बहुत शिक्षाप्रद ...भावनाओं पर सोच की पकड़....सुन्दर अभिव्यक्ति
pakad majboot hai
फिसलन से
ही तो साथ
जाता है छूट ।
बड़ी मज़बूत पकड़ है आपकी भावों पर और शब्दों पर
जीवन को एक नया दर्शन मिल...
फिसलन से
ही तो साथ
जाता है छूट ।
... बहुत सुन्दर !!!
इसे सूक्ति ही कहूंगा .... एक सार्थक रचना।
अच्छा सीख...
"फिसलन से
ही तो साथ
जाता है छूट।"
खरी और पते की बात
वाह ! क्या बात है, सत्य वचन !
nice poem
emotions vs intelligence
भावनाओं पर
सोंच की पकड़
रखनी पडती ही
है बड़ी मज़बूत ।
कम शब्दों में गहरी बात ....शानदार रचना
सही कहा आपने --
फिसलन से ही साथ छूटता है
अगर आपकी नजर में कोई सोरायसिस का मरीज हो तो हमारे पास भेजिए ,हम उसका फ्री ईलाज करेंगे दो महीने हमारे पास रहना होगा
www.sahitya.merasamast.com
इस बीच कुछ अधिक व्यस्त रहा सो नियमित नहीं था, आपकी शिकायत अच्छी लगी , आभारी हूँ ! फोन न. ९८११०७६४५१ है ! यूरोप ट्रिप १५ मई - ३० मई है !
सादर
सुंदर भाव ...जीवन दर्शन की अभिव्यक्ति ।
फिसल बहा ना
ले जाए विचारों
की सार्थकता
फिसलन से
ही तो साथ
जाता है छूट ------sach kaha apne bhavnaon aur soch men balancwe to banana hee padata hai.
Poonam
wah bhavnao par soch ki pakad...bahut gahri baat kahi.
aapne jo NAZUK LAMHE apni blog list me add kiya hua he vo mera hi blog he kisi aur naam se.
shukriya.
सच है ..फिसलन से ही साथ छूटता है.
मगर वह क्या करे जिसे उस व्यवस्था की नदी में गोते लगाना है जहाँ हर घाट पर काई जमी है.
Bahut sundar rachna...soch ko nayi disha dena wala lekhan hai aapka!
जीवन दर्शन को समझती रचना अच्छी लगीं
आभार
आत्मानुशासन को शक्ति प्रदान करने वाली प्रशंसनीय रचना ।
wah wah kya baat hai!
यकीन मानें, आज आपके व्लॉग पर आकर शिकायत करने वाला था कि हमसे क्या नाराज़गी है कि आप सारी दुनिया घूम आती हैं, लेकिन हमारे दर पर आने से परहेज करती हैं... आप हमारी बुज़ुर्ग हैं और हमारे लिए पूज्य भी, इसलिए आपका आशीर्वाद ही हमारा ईनाम है… अपने आशीष का हाथ बनाए रखिए, हमारी लेखनी आपकी उम्मीदों पर खरी उतरेगी...
सारगर्भित संदेश ,भावनाओं पर पकड़ जरूरी है ।
यही कोशिश हमेशा रहती है.. लेकिन कभी कभी भावनाये, सोच की पकड से भी छूट ही जाती है.. फ़ेवीकोल का जोड चाहिये इनके लिये :)
बहुत खूब .... गहरी सोच से निकली रचना है ...
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