Friday, September 11, 2009

आत्मा

आत्मा हो अगर
हमारी उजली
तो मन भी नही
रहेगा कभी मैला ।

सदैव अपने को
प्रकाश मे पाएँगे
अँधेरा चारो ओर
चाहे हो फैला ।

4 comments:

sangeeta said...

इस कविता में कुछ कुछ कबीर के दोहो का स्पर्श मिलता है!!
बहुत अच्छा लगा!

ज्योति सिंह said...

sachchi bate hai ye .

amita said...

Aatma is eternal which can reach GOD
with our Good thoughts and good deeds.

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

bahut sundar..khud ke man men ujaala ho to andhera gher hi nahi sakta