आइये हम सभी सोंचे कि क्या हम दाना बन सकते है जो माटी मे किसी अभिप्राय को ले मिलने को तैयार है ........ ?
देखिये अन्नाजी किस दाने की बात कर रहे है और किससे कर रहे है ?
ये बहुत साल पहिले का भाषण है ।
मै बहुत शुक्रगुज़ार हूँ आत्मीय शैलेन्द्रजी की जिन्होंने ये लिंक मुझे भेजा । इनकी शख्सियत के बारे मे कुछ तारीफ करने बैठी तो शर्तिया शव्द कम पड़ेंगे । उनकी भेजी मेल आपके समक्ष है निवेदन है कि ये लिंक आप भी अपने आत्मजो को भेजिये जैसे कि मै कर रही हूँ ।
धन्यवाद
Saritaji,
Namashkar.
This is an awesome and amazing gem of a speech by Annaji at a Youth camp at Ralegoan Siddhi some years ago.
Pl click on this link:
http://www.youtube.com/watch?v=0vJD6TzsmA0&feature=related
Request you to please listen to it.This is a must watch video!!(25 mts)
I am sure, you will agree- these words spoken by Annaji... particularly the youth will have more than something to take home from it!!
Perhaps you could post it on your blog and also circulate it to other groups,friends and family.
Kindly let me have your views.
Regards
Shailendra
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35 comments:
Sahee kah rahe hain Shailendr ji!
बहुत सही और सार्थक कथन..
देखा और बहुत प्रभावित हुआ।
बहुत सुंदर सामयिक प्रस्तुति,
एक चीज और, मुझे कुछ धर्मिक किताबें यूनीकोड में चाहिये, क्या कोई वेबसाइट आप बता पायेंगें,
विवेक जैन vivj2000.blogspot.com
बहुत सुंदर प्रस्तुति,
अभी अभी आपके भेजे हुए लिंक से अन्ना जी के विचार सुने ... बहुत प्रभावित करने वाले विचार ...ऐसा दाना बनना चाहिए जिससे और असंख्य दाने बन सकें ... आभार
बहुत सही प्रस्तुति
लिंक देने के लिए आभार.
सरिता दी,
इस व्यस्त आदमी को भी आपने मजबूर कर दिया २५ मिनट निकालने के लिए.. लेकिन इस २५ मिनट ने जोश से भर दिया. इस तरह के व्यक्ति तो कभी बूढ़े होते ही नहीं.. और अन्ना तो फ़ौजी हैं, जहां टा उम्र जवान ही रहते हैं लोग.. युवाओं का ये आह्वान सचमुच प्रेरक है..
सरिता दी, धन्यवाद इसे हमारे साथ शेयर करने के लिए!!
बहुत सुन्दर ! बेहतरीन प्रस्तुती !
आपको एवं आपके परिवार को ईद और गणेश चतुर्थी की हार्दिक बधाइयाँ एवं शुभकामनायें !
प्रिय दोस्तों ,
मेरे ब्लॉग को गूगल ने मिटा दिया है ,अत आपसे अनुरोध है की आप मेरे नए ब्लॉग www.pkshayar.blogspot.com पर पधार कर मेरा मार्गदर्शन करे ,
तथा फोलोवर बनकर मुझे आश्रीवाद प्रदान करे .
बहुत ही सुन्दर पढ़ कर अच्छा लगा......
गणेश चतुर्थी की आपको हार्दिक शुभकामनायें
आप भी आये यहाँ कभी कभी
MITRA-MADHUR
MADHUR VAANI
BINDAAS_BAATEN
आभार
main to soch mein hoon..
बिल्कुल सही ...सार्थक व सटीक लेखन ।
बहुत सुन्दर उद्बोधन है अन्ना जी का.
एक एक शब्द दिल को छूता है.
निशब्द हूँ उनका उद्बोधन सुनकर.
इस लिंक के साथ आपकी अनुपम प्रस्तुति के लिए बहुत बहुत आभार.
समय मिलने पर मेरे ब्लॉग पर भी आईयेगा.
प्रभावित करने वाली बातें हैं।
हमें इन पर गौर करना चाहिए।
देखा...सुना...मोबाइल में टेप किया..अधिक से अधिक लोगों को सुनाउंगा..आभार आपका।
बहुत सही और सार्थक कथन|
बहुत प्रभावशाली प्रस्तुति. अच्छा लगा इस लिंक को देख कर
सुन्दर प्रस्तुतिकरण के लिए सादर बधाई और आभार...
बहुत प्रभावी है ... शुक्रिया बांटने के लिए ...
लिंक देने के लिए आभार.
जी, इस लिंक को वाकई और दूर तक पहुंचाया जाना चाहिए।
बहुत बढिया
बहुत सुन्दर लिखा है आपने ! गहरे भाव और अभिव्यक्ति के साथ ज़बरदस्त प्रस्तुती!
महत्वपूर्ण लिंक को शेयर करने का आभार.
एक उभरती युवा प्रतिभा
ब्लॉग पर आप बहुत देर से नहीं हैं. आप कैसी हैं, स्वास्थ्य कैसा है.
♥
आपको सपरिवार
नवरात्रि पर्व की बधाई और शुभकामनाएं-मंगलकामनाएं !
-राजेन्द्र स्वर्णकार
बहुत बढ़िया प्रेरक प्रस्तुति..'
माँ जी! बहुत दिन से आप ब्लॉग पर नहीं हैं. आप कैसी हैं, स्वास्थ्य कैसा है...बताएगा...
दुर्गानवमी और दशहरा की आपको सपरिवार हार्दिक शुभकामनायें..
पञ्च दिवसीय दीपोत्सव पर आप को हार्दिक शुभकामनाएं ! ईश्वर आपको और आपके कुटुंब को संपन्न व स्वस्थ रखें !
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"आइये प्रदुषण मुक्त दिवाली मनाएं, पटाखे ना चलायें"
एक अच्छी और गहन रचना. की प्रस्तुति के लिए धन्यवाद । मेरे नए पोस्ट पर आपका इंतजार रहेगा । धन्यवाद ।
Kya baat hai,bahut dinon se aapne kuchh likha nahee? Khairiyat to hai? Aapke lekhan ka intezaar rahta hai!
सरिता दी, कहाँ हैं आप?
बहुत खूब सुंदर प्रस्तुति,....
"काव्यान्जलि"--नई पोस्ट--"बेटी और पेड़"--में click करे
आपके पोस्ट पर आना सार्थक हुआ । बहुत ही अच्छी प्रस्तुति । मेर नए पोस्ट "उपेंद्र नाथ अश्क" पर आपकी सादर उपस्थिति प्रार्थनीय है । धन्यवाद ।
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