अपनत्व
कम शब्दों में आप बहुत बड़ी बात कह गयीं।शुभकामनायें।
बहुत ही खूबसूरती से बयान कर दी ये दास्ताँ
बिलकुल सही कहा आपने.
waah bahut gehri baat...
sirf itna hi kahooga. shaandaar. shandaar shandaar.http://udbhavna.blogspot.com/
Ochhepan ko lajjit hanahi padta hai...badi saralta se bayaan kiya hai aapne!
पतन का इसके आगे कोनो सीमा नहीं हो सकता है... एक बार फिर नमन आपको!!
just few lines and you touched so many problems from rape to teacher beating a school boy and his suicide.thanks.
वाह! कितनी अच्छी बात कही है आपने. बिलकुल सत्य...डूब जाता है.. लिखने से ही बात पूरी हो जाती है. 'मर' शब्द अतिरिक्त लग रहा है.
मर्यादाओं के उल्लंघन और ओछेपन की बीच की खाई की अनोखी परिभाषा...यह आप ही कर सकती हैं...
गागर मे सागर भर दिया बहुत सुन्दर बधाई
bahut khub ma'm
जब बड़प्पनसभी मर्यादा लांघओछेपन परउतर आता है ।ओछापन तबलज्जा से मूक होचुल्लू भर पानी मेडूब मर जाता है ।कितनी खूबसूरती से पते की बात कही आपने , बहुत खूब !
बिहारी भाई से सहमत हूँ !
बहुत गहरी बात ....विचारणीय प्रस्तुति
waah, bilkul sahi kaha
Ochhepan ke baad Lajja to khud dub marti hai ..........:)chand sabdo me pyari baat!!
हुत बहुत सुन्दर ,लज्जा एक आभूषण है
आप की इस रचना को शुक्रवार, 18/6/2010 के चर्चा मंच पर सजाया गया है. http://charchamanch.blogspot.com आभार अनामिका
रचना जीवन की अभिव्यक्ति है।
सौफी सदी सच ... आपकी छोटी छोटी सीख देने की अदा कामयाब है ........
awesome !You said everything in just few words.
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22 comments:
कम शब्दों में आप बहुत बड़ी बात कह गयीं।शुभकामनायें।
बहुत ही खूबसूरती से बयान कर दी ये दास्ताँ
बिलकुल सही कहा आपने.
waah bahut gehri baat...
sirf itna hi kahooga. shaandaar. shandaar shandaar.
http://udbhavna.blogspot.com/
Ochhepan ko lajjit hanahi padta hai...badi saralta se bayaan kiya hai aapne!
पतन का इसके आगे कोनो सीमा नहीं हो सकता है... एक बार फिर नमन आपको!!
just few lines
and you touched so many problems from rape to teacher beating a school boy and his suicide.
thanks.
वाह!
कितनी अच्छी बात कही है आपने. बिलकुल सत्य.
..डूब जाता है.. लिखने से ही बात पूरी हो जाती है. 'मर' शब्द अतिरिक्त लग रहा है.
मर्यादाओं के उल्लंघन और ओछेपन की बीच की खाई की अनोखी परिभाषा...यह आप ही कर सकती हैं...
गागर मे सागर भर दिया बहुत सुन्दर बधाई
bahut khub ma'm
जब बड़प्पन
सभी मर्यादा लांघ
ओछेपन पर
उतर आता है ।
ओछापन तब
लज्जा से मूक हो
चुल्लू भर पानी मे
डूब मर जाता है ।
कितनी खूबसूरती से पते की बात कही आपने , बहुत खूब !
बिहारी भाई से सहमत हूँ !
बहुत गहरी बात ....विचारणीय प्रस्तुति
waah, bilkul sahi kaha
Ochhepan ke baad Lajja to khud dub marti hai ..........:)
chand sabdo me pyari baat!!
हुत बहुत सुन्दर ,लज्जा एक आभूषण है
आप की इस रचना को शुक्रवार, 18/6/2010 के चर्चा मंच पर सजाया गया है.
http://charchamanch.blogspot.com
आभार
अनामिका
रचना जीवन की अभिव्यक्ति है।
सौफी सदी सच ... आपकी छोटी छोटी सीख देने की अदा कामयाब है ........
awesome !
You said everything in just few words.
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