Saturday, January 11, 2014

हवा

स्वछंद माहौल गर हो
 हवा  को मिलता है मौका
  राहत देने  का हमे गर्मी में
बनकर   सुहावना    झोंका


बंदिशे लगी तो  इनपर
आती है सब पर शामत
तूफ़ान बन कर लाती है
हम  पर ये  आफत


तेवरों में जब इसके
आती है   कुछ  नमी
सर्दी की ठिठुराहट में
पाते  है हम  कमी


बड़े  बड़े  अडिग  सूरमा  भी
अब हवा के रुख को तकते है
जिधर को ये चल पड़ी
उसी ओर  खुद भी  बहते  है 

17 comments:

चला बिहारी ब्लॉगर बनने said...

जिसने हवा का रुख़ नहीं पहचाना उसे हवा उड़ा ले जाती है.. पुरानी कहावत है.. आन्धियों में तने हुए पेड़ उखड़ जाते हैं, जबकि दूब सुरक्षित रहती हैं!!
बहुत अच्छी कविता!!

संजय भास्‍कर said...

बहुत बढ़िया भावपूर्णप्रस्तुति...आप को मेरी ओर से नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं...!!!

दिगम्बर नासवा said...

ज़माने का दस्तूर यही है ... जहान की हवा वहाँ का रुख ... भावपूर्ण प्रस्तुति ...

Anonymous said...

बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति...

आप सभी लोगो का मैं अपने ब्लॉग पर स्वागत करता हूँ मैंने भी एक ब्लॉग बनाया है मैं चाहता हूँ आप सभी मेरा ब्लॉग पर एक बार आकर सुझाव अवश्य दें...

From : •٠• Education Portal •٠•
Latest Post : •٠• General Knowledge 006 •٠•

sm said...

बहुत अच्छी कविता

कविता रावत said...

वर्ष बीत गया लेकिन पता नहीं हवा कहाँ बह रही हैं ....
आप ब्लॉग से दूर हुए. जब तब आपकी याद आती है ...

मनोज भारती said...

अपने बारे में कुछ बताएं? कहां हैं आजकल आप? कृपया सूचित करें।


कमल said...

बेहतरीन प्रस्तुति
एक बार हमारे ब्लॉग पुरानीबस्ती पर भी आकर हमें कृतार्थ करें _/\_
http://puraneebastee.blogspot.in/2015/03/pedo-ki-jaat.html

sm said...

I wish you spend a great year ahead that starts with happiness and ends with that too. Happy New year.

Unknown said...

बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति......इस प्रस्तुति में आपने 'हवा' का बेहद सुन्दर वर्णन किया है...जो कि असोचनीय है...आपकी इस रचना के लिए आपको बधाई.....ऐसी रचनाओ की अभिलाषा शब्दनगरी के पाठकों को हमेशा रहती है.....आपसे अनुरोध है कि आप शब्दनगरी पर भी ऐसी ही रचनाये प्रस्तुत करें....

Satish Saxena said...

बहुत खूब ,
हिन्दी ब्लॉगिंग में आपका लेखन अपने चिन्ह छोड़ने में कामयाब है , आप लिख रही हैं क्योंकि आपके पास भावनाएं और मजबूत अभिव्यक्ति है , इस आत्म अभिव्यक्ति से जो संतुष्टि मिलेगी वह सैकड़ों तालियों से अधिक होगी !
मानती हैं न ?
मंगलकामनाएं आपको !
#हिन्दी_ब्लॉगिंग

sm said...

beautiful poem

रश्मि प्रभा... said...

http://bulletinofblog.blogspot.in/2018/03/blog-post.html

Hindikunj said...

bahut sundar rachna .
हिन्दीकुंज,हिंदी वेबसाइट/लिटरेरी वेब पत्रिका

Hindi Kavita said...

आप की पोस्ट बहुत अच्छी है आप अपनी रचना यहाँ भी प्राकाशित कर सकते हैं, व महान रचनाकरो की प्रसिद्ध रचना पढ सकते हैं।

mgsu ba 1st year result 2021-22 roll number wise said...

Hurrah, that’s what I was exploring for, what stuff! present here at this webpage, thanks, admin of this web page.

Teknik Informatika said...

कविता में हवा को किस तरह का मौका मिलता है, और यह क्या कारण से हमें राहत देती है?
Regard Telkom University