स्वछंद माहौल गर हो
हवा को मिलता है मौका
राहत देने का हमे गर्मी में
बनकर सुहावना झोंका
बंदिशे लगी तो इनपर
आती है सब पर शामत
तूफ़ान बन कर लाती है
हम पर ये आफत
तेवरों में जब इसके
आती है कुछ नमी
सर्दी की ठिठुराहट में
पाते है हम कमी
बड़े बड़े अडिग सूरमा भी
अब हवा के रुख को तकते है
जिधर को ये चल पड़ी
उसी ओर खुद भी बहते है
हवा को मिलता है मौका
राहत देने का हमे गर्मी में
बनकर सुहावना झोंका
बंदिशे लगी तो इनपर
आती है सब पर शामत
तूफ़ान बन कर लाती है
हम पर ये आफत
तेवरों में जब इसके
आती है कुछ नमी
सर्दी की ठिठुराहट में
पाते है हम कमी
बड़े बड़े अडिग सूरमा भी
अब हवा के रुख को तकते है
जिधर को ये चल पड़ी
उसी ओर खुद भी बहते है
17 comments:
जिसने हवा का रुख़ नहीं पहचाना उसे हवा उड़ा ले जाती है.. पुरानी कहावत है.. आन्धियों में तने हुए पेड़ उखड़ जाते हैं, जबकि दूब सुरक्षित रहती हैं!!
बहुत अच्छी कविता!!
बहुत बढ़िया भावपूर्णप्रस्तुति...आप को मेरी ओर से नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं...!!!
ज़माने का दस्तूर यही है ... जहान की हवा वहाँ का रुख ... भावपूर्ण प्रस्तुति ...
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति...
आप सभी लोगो का मैं अपने ब्लॉग पर स्वागत करता हूँ मैंने भी एक ब्लॉग बनाया है मैं चाहता हूँ आप सभी मेरा ब्लॉग पर एक बार आकर सुझाव अवश्य दें...
From : •٠• Education Portal •٠•
Latest Post : •٠• General Knowledge 006 •٠•
बहुत अच्छी कविता
वर्ष बीत गया लेकिन पता नहीं हवा कहाँ बह रही हैं ....
आप ब्लॉग से दूर हुए. जब तब आपकी याद आती है ...
अपने बारे में कुछ बताएं? कहां हैं आजकल आप? कृपया सूचित करें।
बेहतरीन प्रस्तुति
एक बार हमारे ब्लॉग पुरानीबस्ती पर भी आकर हमें कृतार्थ करें _/\_
http://puraneebastee.blogspot.in/2015/03/pedo-ki-jaat.html
I wish you spend a great year ahead that starts with happiness and ends with that too. Happy New year.
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति......इस प्रस्तुति में आपने 'हवा' का बेहद सुन्दर वर्णन किया है...जो कि असोचनीय है...आपकी इस रचना के लिए आपको बधाई.....ऐसी रचनाओ की अभिलाषा शब्दनगरी के पाठकों को हमेशा रहती है.....आपसे अनुरोध है कि आप शब्दनगरी पर भी ऐसी ही रचनाये प्रस्तुत करें....
बहुत खूब ,
हिन्दी ब्लॉगिंग में आपका लेखन अपने चिन्ह छोड़ने में कामयाब है , आप लिख रही हैं क्योंकि आपके पास भावनाएं और मजबूत अभिव्यक्ति है , इस आत्म अभिव्यक्ति से जो संतुष्टि मिलेगी वह सैकड़ों तालियों से अधिक होगी !
मानती हैं न ?
मंगलकामनाएं आपको !
#हिन्दी_ब्लॉगिंग
beautiful poem
http://bulletinofblog.blogspot.in/2018/03/blog-post.html
bahut sundar rachna .
हिन्दीकुंज,हिंदी वेबसाइट/लिटरेरी वेब पत्रिका
आप की पोस्ट बहुत अच्छी है आप अपनी रचना यहाँ भी प्राकाशित कर सकते हैं, व महान रचनाकरो की प्रसिद्ध रचना पढ सकते हैं।
Hurrah, that’s what I was exploring for, what stuff! present here at this webpage, thanks, admin of this web page.
कविता में हवा को किस तरह का मौका मिलता है, और यह क्या कारण से हमें राहत देती है?
Regard Telkom University
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