Wednesday, May 25, 2011

मनवा

जुदाई को ले

जब
भी दिल

भारी होता है

उदासी मन पर

छा जाती है

ठीक तभी

मीठी यादे मुझे

बहलाने पास

चली आती है

नहीं रहते हम

यों तब तनहा

स्मृतियों मे रम

जाता है मनवा ।

57 comments:

सदा said...

नहीं रहते हम
यों तब तनहा
स्मृतियों मे रम
जाता है मनवा ।

वाह... बहुत ही अच्‍छी पंक्तियां ।

Satish Saxena said...

वाकई ...मीठी यादों के सहारे जीवन आसान हो जाता है ! सादर

Bharat Bhushan said...

नहीं रहते हम
यों तब तनहा
स्मृतियों मे रम
जाता है मनवा

मीठी यादें सकारात्मक दिशा देती हैं लेकिन चैतन्य रहना मीठी यादों को और भी मीठा बनाता है.

ज्ञानचंद मर्मज्ञ said...

जीवन में मीठी यादें न हों तो जीवन काटना मुश्किल हो जाता है !
सबके मन की बात आपने पंक्तियों में ढाल दी !
आभार !

प्रवीण पाण्डेय said...

मन अपना ठिकाना कहीं न कहीं ढूढ़ ही लेता है।

रचना दीक्षित said...

ये मीठी यादें तो जीवन की प्रेरणा हैं. उन्ही के सहारे बड़े बड़े दुःख भूल कर भी जी लेते हैं.

Unknown said...

शानदार प्रस्तुति, बधाईयां

संजय @ मो सम कौन... said...

सदा सुखद स्मृतियों में रहे ये मनवा।

केवल राम said...

नहीं रहते हम
यों तब तनहा
स्मृतियों मे रम
जाता है मनवा ।


जीवन में यह यादें हमें बहुत कुछ दे जाती हैं .....!

कविता रावत said...

सच बिछोह में मधुर यादें जीने का एक बहुत बड़ा सहारा बन जाते हैं ....
बहुत सुन्दर प्रस्तुति ...

डॉ टी एस दराल said...

मन में उदासी हो तो मीठी यादें बड़े काम आती हैं ।
सुन्दर प्रस्तुति ।

Kailash Sharma said...

नहीं रहते हम

यों तब तनहा

स्मृतियों मे रम

जाता है मनवा ...

बहुत सच कहा है...मीठी यादें ही जीने का सहारा बन जाते हैं..

kshama said...

Aapke man kee shwet saraltaa aapkee rachana me jhalaktee hai!

शोभना चौरे said...

bilkul saty hai smrtiya kabhi sath nahi chodti

संजय भास्‍कर said...

स्मृतियों मे रम
जाता है मनवा ।

वाह... बहुत ही अच्‍छी पंक्तियां ।
बहुत सच कहा है

संजय भास्‍कर said...

कई दिनों व्यस्त होने के कारण ब्लॉग पर नहीं आ सका

SANDEEP PANWAR said...

यादे व जुदाई तो जीवन भर साथ रहती है,

Anonymous said...

"नहीं रहते हम
यों तब तनहा
स्मृतियों मे रम
जाता है मनवा"
क्या बात है - खूब कही

mridula pradhan said...

bahut achchi.....

Sushil Bakliwal said...

जब भी ये जिल उदास होता है जाने कौन आस-पास होता है...

सकारात्मक चिंतन.

मनोज कुमार said...

मन के अहसासों की सुंदर अभिव्यक्ति।

Vivek Jain said...

बहुत ही बढ़िया गीत
- विवेक जैन vivj2000.blogspot.com

ज्योति सिंह said...

नहीं रहते हम
यों तब तनहा
स्मृतियों मे रम
जाता है मनवा ।
yaade bada sahara hoti hai ,sundar

Anonymous said...

इस मनवा को तो कुछ न कुछ चाहिए.....जब कुछ नहीं मिलता तो यादों के गलियारे में ले जाता है.......सुन्दर रचना |

Jyoti Mishra said...

a poem with a positive outlook !!

Smart Indian said...

यादें ही तो हैं जो कल के सच को आज भी भरकाती हैं।

नश्तरे एहसास ......... said...

इक याद ही तो है जो अकेला नहीं छोडती.....
आपने बहुत सुंदर लिखा है :):)

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

वाह ..बहुत सुन्दर बात कही है ...यादों में खो जाना भी तो मन रमाने जैसा ही है ..

Anonymous said...

बेहतरीन अभिव्‍यक्ति ।

Urmi said...

बहुत सुन्दर और सटीक पंक्तियाँ! लाजवाब और भावपूर्ण रचना ! प्रशंग्सनीय प्रस्तुती!

Patali-The-Village said...

जीवन में यह यादें हमें बहुत कुछ दे जाती हैं| धन्यवाद|

डॉ. मोनिका शर्मा said...

नहीं रहते हम

यों तब तनहा

स्मृतियों मे रम

जाता है मनवा ।

बहुत ही बढिया ... यादों की जगह सदा खास ही रहती है.....

देवेन्द्र पाण्डेय said...

आज न जाने कैसे आपका ब्लॉग खुल गया। महीनों से खोलने का प्रयास करता मगर बंद हो जाता। मेरा एंटी वायरस सिस्टम ही कुछ गड़बड़ है।
..यादों एक सी नहीं होतीं। कभी खुशी, कभी गम दोनो का एहसास कराती हैं। मन रम जाता है यह खुशी की बात है।

शूरवीर रावत said...

प्यार में विछोह भी है और फिर मिलन. भावात्मक प्रस्तुति. आभार.

बारामासा पर आपसे टिपण्णी अपेक्षित है.

Rajesh Kumari said...

sarv pratham aapko mere blog par aane aur apni keemti tippani dene par haardk badhaai deti hoon.usi ke madhyam se aapke blog ka pata chala.yahan aana saarthak bhi raha,aapki achchi rachna padhne ko mili.Manva..achchi lagi aur man ko bha gai yah rachna.

Coral said...

बहुत खूब

sm said...

yes its feel good when we remember sweet memories
beautiful poem

चला बिहारी ब्लॉगर बनने said...

rahee manwaa dukh kee chintaa kyon satatee hai.. dukh to apnaa sathi hai!!

पूनम श्रीवास्तव said...

di bahut hi shandaar
hamesha ki tarah aapki positive thinking.,aapki post se jo sakaratmak v man ko prerana dene wali urja milti hai vah likh nahi sakti .
aap udasi ke ghere mr rahkar bhi dil ko apni beeti meethi-meethi yado se bahla leti hain .
itni jyada bhav pravan v sashakt rachna aap hi likh sakti hain .
bahut hi prerana prad prastuti
sadar abhinandan
bahut bahut badhai
poonam

रश्मि प्रभा... said...

smriti ke aanchal me achhi neend aati hai

महेन्द्र श्रीवास्तव said...

क्या बात हैष बहुत सुंदर भाव।

hem pandey said...

स्मृतियाँ हैं ही ऐसी चीज, इसलिए इन्हें संजोये रहने की जरूरत होती है |

Suman said...

bilkul sahi kaha achhi lagi rachna .......

Amrita Tanmay said...

बहुत सुन्दर लिखा है. . .आभार

ZEAL said...

I often start dreaming with my sweet memories...

सुरेन्द्र सिंह " झंझट " said...

कटु हों या मधुर , स्मृतियाँ विछोह के क्षणों में नजदीकी का गहन एहसास दिलाती हैं ....

सुन्दर रचना...

रेखा said...

विपरीत परिस्थितियों में सकारात्मक सोच राह आसन बनाती है.

upendra shukla said...

बहुत अच्छी रचना है
मेरे ब्लॉग पर आने के लिए" click here"

BrijmohanShrivastava said...

बहुत बढिया रचना। यादें न होती तो लोग घुट घुट कर मरते , कितनी बेचैनी और हताशा से बचा लेती हैं यादें

दिगम्बर नासवा said...

कुछ पंक्तियाँ में मन खोल के रख दिया .. भाओक रचना ....

Kunwar Kusumesh said...

नहीं रहते हम

यों तब तनहा

स्मृतियों मे रम

जाता है मनवा ।

beautiful lines

Sapna Nigam ( mitanigoth.blogspot.com ) said...

नन्ही सी कविता में नाजुक से एहसासों को पिरोया है.

Richa P Madhwani said...

ye kashtiwaalaa, kyaa gaa rahaa thaa
koee ise bhee, yaad aa rahaa thaa
kisse puraane, yaade puraanee
yaa hain mohabbat yaa hain jawaanee

पूनम श्रीवास्तव said...

di
abhi aapse baat nahi kar paa rahi hun xhma kijiyega
bas do ke yahan bhag -doud lagi hai .chinta na kijiyega
aapki poonam

निर्मला कपिला said...

नहीं रहते हम
यों तब तनहा
स्मृतियों मे रम
जाता है मनवा ।
इन यादों के सहारे ही ज़िन्दगी चलती रहती है। सुन्दर भाव। शुभकामनायें।

Bharat Bhushan said...

आपका स्वास्थ्य कैसा है?

vijay kumar sappatti said...

बहुत ही सुन्दर कविता ... यादो को शब्द देती हुई कविता .... बधाई

आभार
विजय

कृपया मेरी नयी कविता " फूल, चाय और बारिश " को पढकर अपनी बहुमूल्य राय दिजियेंगा . लिंक है : http://poemsofvijay.blogspot.com/2011/07/blog-post_22.html