Sunday, December 19, 2010

निर्भर

दुनियां मे
अच्छा - बुरा
दुःख - दर्द
तेरा - मेरा
ऊँच - नीच
झूट - सच
प्यार - फटकार
जात - पात
चारों ओर
सभी कुछ
नजर हमे
है आए ।
आप कंहा
किस पर
क्योकर
कितनी
अपनी
तवज्जु दे
क्या बटोरे
क्या छांटे
क्या सबमे
कितना बांटे
ये तो आपकी
सूझ - बूझ
परखने की
योग्यता
पर ही
निर्भर हो
रह जाए ।

61 comments:

महेन्‍द्र वर्मा said...

क्या बटोरे
क्या छांटे
क्या सबमे
कितना बांटे
ये तो आपकी
सूझ-बूझ
परखने की
योग्यता
पर ही
निर्भर हो
रह जाए

सही लिखा है आपने, सूझ-बूझ और परखने की योग्यता के कारण ज़िदगी के टेढ़-मेढ़े रास्ते कुछ सीधे नज़र आ सकते हैं।

कविता का शिल्प एकदम नया है।...शुभकामनाएं।

प्रेम सरोवर said...

आपके विचार अच्छे लगे। मेरे पोस्ट पर आपका स्वागत है।

ManPreet Kaur said...

bahut hi acha laga ..
mere blog par bhi sawagat hai..
Lyrics Mantra
thankyou

Suman Sinha said...

kitni silsilewaar bhawnaayen

सदा said...

बहुत ही सुन्‍दर भावमय करते शब्‍द ...।

चला बिहारी ब्लॉगर बनने said...

सच्ची बात सरिता दी! हम सारा जीवन कंकड़-पत्थर चुनते बिता देते हैं और पता चलता है उनमें एक हीरा था जो पहचाना ही नहीं और फेंक दिया. एक पूरी उम्र बीत जाती है यह समझने में!!

#vpsinghrajput said...

नमस्कार जी,
बहुत ही अच्छी,सुंदर प्रस्तुति

sm said...

beautiful thoughtful poem

करण समस्तीपुरी said...

जीवन के प्रति आपका दृष्टिकोण और आपके अमूल्य अनुभव ही आपकी लेखिनी से प्रवाहित हो रहे हैं. बहुत सुन्दर धन्यवाद !!

दिगम्बर नासवा said...

सच कहा ... सटीक कहा ... सार्थक कहा ... बहुत दुनियादारी की समझ वाली बात है ये ...

अरुणेश मिश्र said...

स्वविवेक का प्रयोग सिखाती रचना ।

निर्मला कपिला said...

क्या बटोरे
क्या छांटे
क्या सबमे
कितना बांटे
ये तो आपकी
सूझ-बूझ
परखने की
योग्यता
पर ही
निर्भर हो
रह जाए
आदमी के तज़ुर्बे उसे सब कुछ समझा देते हैं। अच्छी रचना के लिये बधाई।

RAJWANT RAJ said...

yogyta ki kya khoob pribhasha di hai aapne . nitant srl shbdo me bhut hi sundr bhavabhivykti .

रश्मि प्रभा... said...

कितना बांटे
ये तो आपकी
सूझ - बूझ
परखने की
योग्यता
पर ही
निर्भर हो
रह जाए ।
bahut hi gyanvardhak rachna

ZEAL said...

बहतरीन अभिव्यक्ति
आभार।

Dr. Zakir Ali Rajnish said...

सार्थक रचना। हार्दिक बधाई।

---------
आपका सुनहरा भविष्‍यफल, सिर्फ आपके लिए।
खूबसूरत क्लियोपेट्रा के बारे में आप क्‍या जानते हैं?

Kunwar Kusumesh said...

bahut sundar abhivyakti

Patali-The-Village said...

बहुत ही अच्छी,सुंदर प्रस्तुति|धन्यवाद|

Sunil Kumar said...

बहुत ही सुंदर प्रस्तुति

adil farsi said...

bahut khoob kaha

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

सच है परखने की योग्यता और सूझ बूझ ही काम आती है ...

Sumit Pratap Singh said...

बिलकुल सही फरमाया...

JAGDISH BALI said...

Nice combination of words to express your feelings. Relevant post.

सुज्ञ said...

सार्थक,

विवेक, सुझ-बुझ पर ही तो निर्भर है।

कविता रावत said...

क्या बटोरे
क्या छांटे
क्या सबमे
कितना बांटे
ये तो आपकी
सूझ-बूझ
परखने की
योग्यता
पर ही
निर्भर हो
रह जाए

...bahut sundar rachna..
Maa ji! main aapke blog par har baar aayee lekin aapka blog khulta hi nahi tha, internet error aata tha aur blog band ho jaata hai, bahut koshish kee maine.. aapka email address bhi nahi tha mere paas... bhala main aapko kaise bhool sakti hun....aapse ek apnapan jo hamesha milta hai mujhe....
aaj mujhe bhi khushi huyee ki aapka blog aasani se khul gaya.... aapka email address dijiyega..

Saadar

palash said...

बहुत सुन्दर रचना

ज्ञानचंद मर्मज्ञ said...

बहुत ही सुन्दर और सार्थक विचार !
-ज्ञानचंद मर्मज्ञ

संजय भास्‍कर said...

बहुत ही अच्छी,सुंदर प्रस्तुति|धन्यवाद|

संजय भास्‍कर said...

200 फोलोवर ...सभी ब्लोगेर साथियों और ब्लॉगस्पॉट का तहे दिल से शुक्रिया ...संजय भास्कर
नई पोस्ट पर आपका स्वागत है
धन्यवाद

पूनम श्रीवास्तव said...

sarita di
bahut hi achhi baat kahi hai aapne.
apni soch se hi insaan ,insaan ko sahi mayane me samajh sakta hai
poonam

रचना दीक्षित said...

बहुत गहरी और सार्थक बातें हैं सुंदर प्रस्तुति

वीना श्रीवास्तव said...

कितना बांटे
ये तो आपकी
सूझ-बूझ
परखने की
योग्यता
पर ही
निर्भर हो
रह जाए

बहुत सुंदर भाव....

सुरेन्द्र सिंह " झंझट " said...

sadvicharon ki sundar kavita..
abhivyakti sahaj,saral aur sundar..

smshindi By Sonu said...

"समस हिंदी" ब्लॉग की तरफ से सभी मित्रो और पाठको को एक दिन पहले
"मेर्री क्रिसमस" की बहुत बहुत शुभकामनाये !

()”"”() ,*
( ‘o’ ) ,***
=(,,)=(”‘)<-***
(”"),,,(”") “**

Roses 4 u…
MERRY CHRISTMAS to U
मेरी नई पोस्ट पर आपका स्वागत है

smshindi By Sonu said...

"समस हिंदी" ब्लॉग की तरफ से सभी मित्रो और पाठको को एक दिन पहले
"मेर्री क्रिसमस" की बहुत बहुत शुभकामनाये !

()”"”() ,*
( ‘o’ ) ,***
=(,,)=(”‘)<-***
(”"),,,(”") “**

Roses 4 u…
MERRY CHRISTMAS to U
मेरी नई पोस्ट पर आपका स्वागत है

Bharat Bhushan said...

आपको क्रिस्मस की हार्दिक शुभकामनाएँ!

Urmi said...

आपको एवं आपके परिवार को क्रिसमस की हार्दिक शुभकामनायें !

sm said...

beautiful thoughts
and very true
happy new year

nature7speaks.blogspot.com said...

vivek ko paribhashit karne ka andaz bahut pasand aaya.

dipayan said...

माफ़ी बहुत दिनो बात आया। कल, PTMBA का 2nd trimester का इन्तिहान खत्म हुआ। ज़िन्दगी की भाग दौड़ मे बहुत कुछ देखने को मिल रहा है । ऐसे मे आपकी लिखी इस रचना की ये पन्क्तियाँ मन को भा गई
"क्या बटोरे
क्या छांटे
क्या सबमे
कितना बांटे
ये तो आपकी
सूझ-बूझ
परखने की
योग्यता
पर ही
निर्भर हो
रह जाए "
अति सुन्दर ।

Bharat Bhushan said...

नववर्ष की ढेरों हार्दिक शुभभावनाएँ.

ज्योति सिंह said...

ati uttam ,sahi parkh jaroori hai ,nav barsh mangalmaye ho aapko .

केवल राम said...

नव वर्ष 2011 की हार्दिक शुभकामनायें ......स्वीकार करें ..
आशा है नव वर्ष आपके जीवन में खूब सारी खुशियाँ लेकर आएगा ....बहुत - बहुत शुभकामना

संजय भास्‍कर said...

आपको और आपके परिवार को मेरी और मेरे परिवार की और से एक सुन्दर, सुखमय और समृद्ध नए साल की हार्दिक शुभकामना !

kshama said...

Bahut khoob!
Naye saalkee dheron shubhkamnayen!

ज्ञानचंद मर्मज्ञ said...

आपको सपरिवार नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं !
-ज्ञानचंद मर्मज्ञ

kayal said...

bahut khoobsurat...

Satish Saxena said...

????

Satish Saxena said...

????

Anonymous said...

नव वर्ष २०११ की मंगल कामना

dipayan said...

नये साल की शुभकामनायें । बहुत दिन हो गये, आपकी कोई रचना नहीं दिखी ।

मनोज भारती said...

बहुत सुंदर ...विचार भी और कविता भी ।

बहुत दिनों से आप सक्रिय नहीं दिखाई पड़ रही हैं । सलिल भाई से पता चला था कि आप अस्वस्थ हैं । अब कैसी हैं ?

आपके शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना सहित !

कविता रावत said...

क्या बटोरे
क्या छांटे
क्या सबमे
कितना बांटे
ये तो आपकी
सूझ-बूझ
परखने की
योग्यता
पर ही
निर्भर हो
रह जाए

...बहुत सुन्दर प्रस्तुति ...

माँ जीइ बहुत दिन से इन्टरनेट explorer के eror के चलते aapke ब्लॉग par नहीं pahunch पा रही थी ... आज मोजिल्ला को डाउनलोड कर आ पाई हूँ ....

नए साल की आपको बहुत बहुत शुभकामना... मकर संक्रांति की हार्दिक शुभकामना

संध्या शर्मा said...

बहुत ही अच्छी,सुंदर प्रस्तुति|धन्यवाद.......

ज्योति सिंह said...

bahut hi acha laga
क्या छांटे
क्या सबमे .
कितना बांटे
ये तो आपकी
सूझ-बूझ
परखने की
योग्यता
पर ही
निर्भर हो
रह जाए

डॉ. दिलबागसिंह विर्क said...

thode shbdon men jyada bat , shaandaar
-----sahityasurbhi.blogspot.com

लाल कलम said...

बहुत सुन्दर
अच्छी रचना
बहुत बहुत शुभकामना

Rakesh Kumar said...

सोच में डूबी नई पुरानी हलचल से यहाँ आये

तो आपने यहाँ अपनत्व की
'गहरी सोच' में डूबा दिया जी.

मेरे ब्लॉग पर भी आइयेगा.
अपनत्व का इंतजार है जी.

Rakesh Kumar said...

सोच में डूबी नई पुरानी हलचल से यहाँ आये

तो आपने यहाँ अपनत्व की
'गहरी सोच' में डूबा दिया जी.

मेरे ब्लॉग पर भी आइयेगा.
अपनत्व का इंतजार है जी.

Amrita Tanmay said...

अच्छी प्रस्तुति

S.M.HABIB (Sanjay Mishra 'Habib') said...

बहुत खुबसूरत भाव...
सादर...