स्पष्टवादिता सत्य तथ्य ईमान पारदर्शिता सभी हाथ मे हाथ लिये साथ साथ घूमा करते है पर देखिये समय की विडम्बना स्पष्टवादिता के शव को एक भी कन्धा नहीं मिलता है ।
"स्पष्टवादिता के शव को एक भी कन्धा नहीं मिलता है।" हममें से जो इसे सही मानते हैं और सच या स्पष्टवादिता की बात करते हैं वो खुद ही कन्धा देने को तैयार नहीं तो जो विरोधी है वो क्यों देंगे - हम जो करते नहीं उससे कहते क्यों हैं? कथनी और करनी एक हो तब ना.
स्पष्टवादिता????? नाम कुछ सुना सुना बुझाता है... आज से नहीं, जुग जुग से... कभी सुकरात के नाम से, कभी पाइथागोरस के नाम से… ओही हैं न जिसको खुद से अपना सलीब ढोकर लाना पड़ा था, जिसमें उसको कील से ठोंक दिया गया?? +++ बहुत सूना सूना लगेगा..जल्दी आ जाइएगा... हमरा सुभकामना!!
23 comments:
समय ही ऐसा है, किसे दोष दें ??
सच कहा है आपने।
स्पष्टवादिता --
मित्रों को इसकी आवश्यकता नहीं ;
शत्रु इस पर विश्वास नहीं करेंगे।
ऐसा समय चल रहा है कि इस समय को देख कर यह कहना ग़लत नहीं होगा कि आगे चल कर कन्धा क्या शायद ज़मीन भी नसीब ना हो।
सटीक विचार....आपकी गिनाई हर बात आज बस ढूँढते रह जाते हैं...
kaun dega kandha, sabko apni padi hai
gagar mein sagar hai..!
कौन दे कंधा ...हम सब अपने हितों से जुड़े हुए हैं ...!
"स्पष्टवादिता के शव को एक भी कन्धा नहीं मिलता है।"
हममें से जो इसे सही मानते हैं और सच या स्पष्टवादिता की बात करते हैं वो खुद ही कन्धा देने को तैयार नहीं तो जो विरोधी है वो क्यों देंगे - हम जो करते नहीं उससे कहते क्यों हैं? कथनी और करनी एक हो तब ना.
Aaj yahi katu satya hai....
कटु सत्य, सच तो ये की .यही है आज के जीवन का यथार्थ
सच कहा ... सोलह आने सच ... आज कल स्पष्टवादिता का ज़माना नही है ....
थोड़ी डिप्लोमेसी ही सही है जी ।
सच है!!तभी तो स्पष्टवादिता अपनी लाश ख़ुद अपने कांधे पर ढोने को विवश है...
लंदन प्रवास की शुभेच्छा!!
प्रतीक्षा रहेगी, जल्दी लौटिए!
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स्पष्टवादिता को जो कंधे उठा सकें, वो अभी बने ही नहीं।
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aaj kahan ?phir bhi khoj rahe hai ,sundar ,manoj ji sahi kahte hai .
स्पष्टवादिता खानाबदोष है ...स्वयं अपने कंधे पर सवार ।
स्पष्टवादिता????? नाम कुछ सुना सुना बुझाता है... आज से नहीं, जुग जुग से... कभी सुकरात के नाम से, कभी पाइथागोरस के नाम से… ओही हैं न जिसको खुद से अपना सलीब ढोकर लाना पड़ा था, जिसमें उसको कील से ठोंक दिया गया??
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बहुत सूना सूना लगेगा..जल्दी आ जाइएगा... हमरा सुभकामना!!
number? ... ghumana zaruri hai ? chay pine aa hi jaiye
WAh! kya baat likhi hai aapne .ekdam sateek.
poonam
where are you now a days ???????
सटीक विचार..
माफ़ कीजियेगा स्पष्टवादिता को किसी के कन्धों की ज़रूरत नहीं होती!
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