Tuesday, December 8, 2009

आशा किरण

मेरे बाबूजी जो अब
नही मेरे साथ
आशा और विश्वास
की दी थी उन्होंने
मुझे अनमोल सौगात ।
बचपन मे बांधी थी
मेरी चिट्टी उंगली से
एक अदृश्य डोर ।
दूसरे किनारे था
आशा किरण का छोर ।
जीवन मे निराशा,उलझने
नही डाल पाती घेरा ।
आशा , विश्वास जो करते
है सदा यँहा बसेरा ।
जँहा हों दृडता
कुछ करने की लगन ।
लक्ष्य को पाने
हों जाए जो मगन ।
बदकिस्मती भी थक -हार
उड़न छू हों जाती है ।
और फिर मंजिल
साफ़ पास नज़र आती है ।

19 comments:

anjugandhi said...

mujhe mere daddy ki yaad aa gayi aapki yeh lines pad kar

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

sundar abhivyakti...nayi asha ka sanchaar karti hui.....bahut bahut badhai

ज्योति सिंह said...

sayano logo ki sikh hamare liye baisakhi ka kaam karti hai ,bure waqt me hausla bandhti hai ,shaandar rachna aasha bhari kiran samete

Urmi said...

जीवन मे निराशा,उलझने
नही डाल पाती घेरा ।
आशा , विश्वास जो करते
है सदा यँहा बसेरा ।
लाजवाब पंक्तियाँ !बहुत ही सुंदर और भावपूर्ण रचना लिखा है आपने!

दिगम्बर नासवा said...

बहुत मन से लिखा है ....... सच लिखा है .... इंसान अपने माता पिता से जो लेता है वो सदा ही साथ रहता है ..... वीना किसी बात की कामना किए वो बस देते हैं सब कुछ जो हमेशा साथ देता है ........... लाजवाब रचना ........

रश्मि प्रभा... said...

यह सीख ही जीवन को अर्थ देती है और उनके अपने पास होने का अद्भुत एहसास

sm said...

beautiful poem

पूनम श्रीवास्तव said...

एक अच्छी सकारात्मक सोच को बढ़ाने वाली कविता।
पूनम

डा0 हेमंत कुमार ♠ Dr Hemant Kumar said...

बहुत खूबसूरत शब्दों में भावनाओं की अभिव्यक्ति----
हेमन्त कुमार

Unknown said...

Aap ne theek kaha ki hum life mein kuch bhi haasil kar sakte hai bas hame apne aur apne sapno par vishwaas hona chahiye...
Beautiful Poem...!!

dweepanter said...

बहुत सुंदर रचना
pls visit...
www.dweepanter.blogspot.com

Ashish (Ashu) said...

सुन्दर शब्द-चित्र !
ह्रदय स्पर्शी लेखन है आपका
बहुत ही सुन्दर रचना है लाजवाब
साभिवादन

देवेन्द्र पाण्डेय said...
This comment has been removed by the author.
अजय कुमार said...

विरासत मे मिले संस्कारों को समेटे सुंदर रचना

देवेन्द्र पाण्डेय said...

जहाँ हों दृढ़ता
कुछ करने की लगन
लक्ष्य को पाने
हो जाएं जो मगन ।
बदकिस्मती भी थक-हार
उड़न छू हो जाती है।
--बड़े अच्छे खयाल हैं।
आपकी इन पंक्तियों को मैने अपनी समझ से सुधार कर पढ़ा है।
आशा है आप अन्यथा नहीं लेंगी।

शोभना चौरे said...

skaratmkta vicharo se ot prot hai ye kavita .
abhar

शाहिद मिर्ज़ा ''शाहिद'' said...

जीवन मे निराशा,उलझने
नही डाल पाती घेरा ।
आशा , विश्वास जो करते
है सदा यँहा बसेरा ।
आपके ब्लाग पर आकर इसलिये और अच्छा लगा;
कि सकारात्मक नज़रिये के साथ अपनी बात कही हैं आपने.
बस ये भावना हमेशा ज़िन्दा रहे, अल्लाह से यही दुआ है.
शाहिद मिर्ज़ा शाहिद

amita said...

हमारे माता और पिता हमार आशाओ को साकार
करनेमे बहुत योग देतें हैं
आशाओं से तो हमारा जीवन जुदा हुआ हैं

so true n well expressed by you Sarita ji

sangeeta said...

you write such beautifully about hope and inner strength..
and thankyou for your heartfelt words...you know , without your saying so , i knew what you have for me in your heart...your 'violets n purples' i keep in my heart...