Friday, June 19, 2009

ननंद

मेरी बड़ी ननंद
उनका सदैव
मुस्काता चेहरा
मुझे है बहुत पसंद ।
पूजा पाठ को ले
बहुत कड़ी है ।
पर स्वास्थ को ले
लापरवाह बड़ी है।
मेरी ननंद
बड़े परिवार की बेटी
स्वयं भी
बड़े परिवार वाली है ।
हर सम्बन्ध को
सहज आत्मियता से
निभाने की कला
उनमे निराली है।
एक खासियत ये है कि
वो हमेशा शांत दीखे ।
बिगड़ी कैसे बनाए
कोई इनसे सीखे।

(एक छोटा सा उदाहरण )

मेरी बड़ी बिटियाँ की
शादी की है ये बात ।
दाल पीसनी थी लेकिन
मिक्सी नही दे रही थी साथ ।
उन्होंने झट अदरख
कूटने वाला खलबत्ता उठाया ।
थोड़ी दाल कुचली
शगुन की बडियां डाली
काम तुंरत आगे बढाया ।
काम करने का
अपना मज़ा है
उनके संग ।
इनकी सूझ -बूझ
को देख कर
मै हूँ अति दंग ।
ननंद के लिए
कुछ लिखना
सूरज को दिया दिखाना है।
चाह है उनसे
बहुत कुछ सीखू ।
जीवन को
सार्थक जो बनाना है।

4 comments:

Anonymous said...

I am lucky to have grown up around such a wonderful extended family and loving relatives. Bua's ever smiling and loving nature is an inspiration.
-P

Anonymous said...

Keep It up, you are a great inspiration for a happy family

Anonymous said...

Read about your nanand.You are a very good writer, and you inspire others. good work keep it up

Anonymous said...

Hi mom,

you havent written a poem in 3 days! What happened?

S