Monday, July 6, 2009

वेदना

ज़रूरी नही
कि इसके एहसास
के लिए
आप स्वयं किसी
शारीरिक ,मानसिक
पीड़ा के
मार्मिक दौर
से गुजरे ।

पर किसी
संवेदन शील
प्राणी के लिए
जग- बीती,पर-बीती
आप बीती की
पीड़ा दे जाए
तो इस एहसास
से वो कैसे मुकरे ।

1 comment:

Swatantra said...

Amazing.. Your poems are too good..They presents a different view of life..

Thanks for visiting my blog.. do come again!!