Saturday, July 25, 2009

आप -बीती

एक दिन अचानक ही
सब कुछ था बदल गया ।
जो पास था वो दूर -
और दूर का पास आ गया ।

अरे ! हिलने लगी धरा
कभी लगा, धंसने लगी ।
आकाश भी झुकने लगा
कल्पना सी लगने लगी ।

फिर डॉक्टर को जा दिखाया
vertigo है ,ऐसा उन्होंने बताया।
vertin गोली लेने का सुझाव दिया
साथ ही ऊचा देखने व झुकने से मना किया।

vertigo में उठते -बैठते
चक्कर से आ जाते है ।
जानते है कि धरती नही हिलती
पर कदम डगमगा जाते है ।

संतुलन खोने का डर
ऐसे मे हमेशा बना रहता है ।
हाथ पकड़ कर चलना
आगे बड़ने मे सहायक होता है ।

इसी से ,जब भी बाहर जाने
की होती थी बात
अवश्य ही कोई कोई
होता ही था मेरे साथ

कभी ख़राब समय आ जाता है
जीवन में, आता है तो आए ।
दिल चाहता है ,पड़ाव न डाले यंहा
हवा के झोंके सा ,उड़ जाए ।

vertin गोली ने कमाल कर दिया
अब तो सब ठीक ही चल रहा है।
स्वास्थ्य को ले, रहना है सदैव सजग
आख़िर vertigo से सीख लिया है।

3 comments:

shilpa said...

thanks for informing me about vertigo nice post

Swatantra said...

Good luck!!

Apanatva said...

thanks