Thursday, March 22, 2012

नहीं गिला

अपने जब
चिर विदा ले तो
दे जाते है
हमे असीम गम
साल बीतने
को आया पर
याद आते ही
आँखे होती
आज भी नम
तुम्हे खोने
का बोझ
मन पर है
बड़ा ही भारी ।
चल चित्र
की तरह
बीता समय
सामने आने
का क्रम अब
भी है ज़ारी ।
अब तुम नहीं
पर यादें है साथ ।
आज भी मार्गदर्शन
होता है और
बन जाती है
बिगडती बात ।
खुश हूँ कि
सालो तुम्हारा
आत्मिय साथ मिला।
तुम्हारा असहनीय
दर्द देखा समझा
इसीसे जिन्दगी
से नहीं किया
कोई गिला।

32 comments:

kshama said...

Bade dinon baad likha aapne....aur ekdam sach kaha....kisee ko khone ke baad aisahee mehsoos hota hai.

चला बिहारी ब्लॉगर बनने said...

परमात्मा शैल दी की आत्मा को शान्ति दे!!

S.N SHUKLA said...

बहुत सुन्दर, बधाई.

विभूति" said...

अहसासों की एक सुन्दर रचना.....

विभूति" said...

अहसासों की एक सुन्दर रचना.....

विभूति" said...

अहसासों की एक सुन्दर रचना.....

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

अपनी मित्र को खोने के एहसास को बखूबी लिखा है ... संवेदनशील अभिव्यक्ति

Anupama Tripathi said...

ह्रदय कि वेदना कि मर्मस्पर्शी अभिव्यक्ति ...!!
नव संवत्सर कि मंगलकामनाएं ...!!

डॉ. मोनिका शर्मा said...

Behtreen Rachna

डॉ टी एस दराल said...

अच्छे साथ की यादें भी जीने का सहारा बनती हैं .

S.M.HABIB (Sanjay Mishra 'Habib') said...

||स्मृतियां ज्यों मोती है, हृदय बना है सीप
अंधियारों को रोशनी, देता जाता दीप||

सदा said...

बिल्‍कुल सच कहा है आपने ...शुभकामनाएं

शूरवीर रावत said...

भावपूर्ण कविता. काश ! हम भी इस ग़मगीन मौके पर आपके साथ शरीक हो सकते.

mridula pradhan said...

marmik.....dil se......

प्रवीण पाण्डेय said...

स्मृतियाँ जीवन का संबल बनी रहें।

Bharat Bhushan said...

स्मृतियाँ जीवन की ही निशानी हैं.

दिगम्बर नासवा said...

इंसान जो भोगता है वही जानता है जीवन का सत्य ... कई बार जाने की गीला नहीं होता पर टीस रहती है मन में ...

Kavita Rawat said...

apnon ko khone ka dard bada kashtshadhya hota hai....
achha saathi bichudne ka dard to rahta hi hai lekin ishwar ke aage koi nahi jee paaya hai..
shrdhasuman arpit karti ek samarpit rachna ke liye aabhar!

ANULATA RAJ NAIR said...

बहुत भावुक अभिव्यक्ति.....

ईश्वर से गिला तो सिर्फ इस बात का है कि आखिर कष्ट दिया क्यूँ....

मन भर आया...

सादर
अनु

प्रेम सरोवर said...

बहुत सुंदर । मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है । धन्यवाद ।

अंजना said...

सुन्दर रचना ।

Satish Saxena said...

शेष जीवन के लिए वे यादें भी एक सुकून देती हैं , दर्द तो रहेगा ही ....
शुभकामनायें आपको !

Dr.Ajit said...

बेहद मार्मिक कविता...ये अहसास ही हमे अपने जिन्दा होने की जमानत देता है। आज अनायास ही आपके ब्लॉग पर आ गया,पहले आपकी कई टिप्पणियाँ अपने ब्लॉग पर पढी...मेरे काहिली के बावजूद भी आप हौसला अफजाई के लिए आ जाती है इसके लिए आपका तहे दिल से शुक्रिया...आपकी प्रोफाईल पर आपका ईमेल का पता तलाशता रहा क्योंकि मुझे लगा कि आपकी हितचिंता के प्रति कृतज्ञता एक पत्र लिख कर व्यक्त करनी चाहिए। यदि आपकी निजता का हनन न होता हो तो कृपया अपना ई मेल का पता देने की कृपा करें। भाव पूर्ण लेखन के लिए बधाई!!!
डॉ.अजीत

शिवनाथ कुमार said...

मर्मस्पर्शी, भावपूर्ण अभिव्यक्ति ..
सादर !!

VIVEK VK JAIN said...

apnatv ki abhivyakti.

somali said...

apno se bichadne ka gum to hamesha rehta hi hai...parantu kahin na kahin unki yaadon or seekhon me wo hmare pass rehte hi hain...bhavpurna prastuti..........badhai

kshama said...

Muddat ho gayee,aapne blog pe kuchh likha nahee..kya baat hai? Aapkee tabiyat kaisee hai? Pata nahee aap ye comment bhee padhengee ya nahee?

sajjan singh said...

किसी अपने से बिछड़ना वाकई बेहद तकलीफ देह होता है, यह जीवन की ऐसी दुखद वास्तविकता है जिससे कभी-न-कभी सभी का सामना होता है। खूबसूरत अभिव्यक्ति।


मेरी नई पोस्ट पर पधारें- धर्म विचार

sm said...

बहुत भावुक अभिव्यक्ति

Anonymous said...

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मुकेश कुमार सिन्हा said...

blog bulletin se pata chalaa aap to sach me naye post karte hi nahi....:(

Anonymous said...

very..nice