Wednesday, March 3, 2010

चित - चोर

मेरे जीवन मे आया
है एक चित चोर
बिना देखे उसे अब
होती नहीं मेरी भोर ।

सात समुंदर पार है मुझसे
फिर भी हंसकर मुझे लुभाए
देखते ही दिल बल्लियों उछले
धड़कने भी बड़ ही जाए ।

इसके साथ मेरी हरकते भी
होती जारही है बचकाना
अच्छा लगता है आजकल
उससे बाते करते तुतलाना ।

इसने दुनियां मे आते ही
सभीको मोह मे है फसाया
मेरा दिल बंद इसकी मुट्ठी मे
नानी बनने का है सुख पाया ।

हम नाना - नानी की
आँखों का है ये तारा
सदा खुश रखे और रहे
ये ही आशीष हमारा ।

24 comments:

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

मन की खुशी को बहुत प्यारे शब्दों में और कोमल भावनाओं में गूंथा है....बहुत प्यारी सी रचना के लिए बधाई

दिगम्बर नासवा said...

बहुत प्यारी सी मान को लुभाने वाली रचना...बच्चे तो चितचोर ही होते हैं ....

विजयप्रकाश said...

कहते हैं असल से सूद अधिक प्यारा होता है.सुंदर रचना

Ravi Rajbhar said...

Are wah...kitna pyar bhara hai aapke shabdo men..

amita said...

Sarita ji, you have expressed so beautifully ! physically you may be elsewhere but your heart and sould is with the new born !

नीलिमा सुखीजा अरोड़ा said...

physically u may be away but u are so close to the new born. may congrats for becoming grandmother.

Dev said...

ममता से सजे ये शब्दों की डोर ...... बहेतरीन रचना ....

मनोज भारती said...

इस खुशी को बाँटने के लिए धन्यवाद !

अपनत्व व ममत्व से ओत-प्रोत भावमय कविता ।

Parul kanani said...

rachna bhi chit ko churane jaisi hai :)

डा0 हेमंत कुमार ♠ Dr Hemant Kumar said...

बहुत बेहतरीन ढंग से आपने कोमल भावनाओं को अभिव्यक्त किया है---आपको नानी बनने की बधाई---शिशु के लिये आशीष्।

Mithilesh dubey said...

बहुत ही बेहतरीन रचना लगी , मन को मोह लिया आपकी इस रचना ने ।

kshama said...

हम नाना - नानी की
आँखों का है ये तारा
सदा खुश रखे और रहे
ये ही आशीष हमारा ।
Badhayee ho...chashme-bad-door! Hamare bhee aasheesh de dena!

ज्योति सिंह said...

हम नाना - नानी की
आँखों का है ये तारा
सदा खुश रखे और रहे
ये ही आशीष हमारा ।
sundar ahsaas me guthi hui mithi rachna ,sachmuch bachche jindagi hote hai ,ghar aangan ki raunak hote hai ,bachche man ke sachche saare jag ki aankho ke taare .......badhai ho is anmol se rishte ke liye .

निर्मला कपिला said...

वाह आपको बहुत बहुत बधाई इस नन्हें को कविता के रूप मे सुन्दर तोहफा दिया है मेरा भी उसे बहुत बहुत आशीर्वाद्

कविता रावत said...

हम नाना - नानी की
आँखों का है ये तारा
सदा खुश रखे और रहे
ये ही आशीष हमारा ।
Hamara bhi ashish kahiyega...

Shobhanajee 'abhivykit' shahad busy hongi, koi khabar hogi to jarur bataongiji..... Aap sabka bahut khyal rakhti hain yah dekhkar man ko bahut achha lagta hai...
Aapko Bahut shubhkamnayne.....

रचना दीक्षित said...

आपको नाना नानी बनने के लिए बधाई और हमारी तरफ से शुभाशीष

Satish Saxena said...

अपने ब्लाग पर आपकी प्रतिक्रिया पढ़ कर आनंद आ गया, वास्तव में अपनत्व का सजीव चित्रण हैं आप ! आपकी टिप्पणी दिल में उतर गयी , इस पोस्ट को गरिमा ( गुडिया ) को भेज रहा हूँ निस्संदेह उसे बहुत अच्छा लगेगा ! अरे हाँ ,आपने अपने परिचय में अपना नाम नहीं दिया यह अच्छी बात नहीं है, आशा है सुझाव पर ध्यान देंगी !

नानी को हार्दिक शुभकामनायें

Urmi said...

वाह बहुत ही सुन्दर और भावपूर्ण रचना प्रस्तुत किया है आपने! बधाई!

sm said...

great poem for little one
sure he will love you more than originals
and will get more than originals in all the matters

Unknown said...

bahut hi sundar kavita.

विकास पाण्डेय
www.vicharokadarpan.blogspot.com

शाहिद मिर्ज़ा ''शाहिद'' said...

................
बिना.पीछे मुड़े..वेग के साथ
आगे बह गया...पथिक को मानो....गति ही जीवन है..
विकास की सतत प्रक्रिया में सकारात्मक संघर्ष की प्रेरणा देती रचना.

पूनम श्रीवास्तव said...

aapke aangan aur man ke aangan me khile aur is dil ko chu rane wale chit-chor komeri taraf se dhero chumban usake mathe par ankit kijiyega . aapki khushi sadav aise hi chhalakate rahe .dil se ki gayi subh kamanaon ke saath.
poonam

prem ballabh pandey said...

अपनत्व को मिला अपना नाती ,ये बहुत खुशी की बात है - हमारी ओर से बधाई है और नाती को अनेक शुभकामनाएं .

Unknown said...

bahut achi kavita hain