Monday, September 28, 2009

तारे

दिन मे
इनका कोई
अस्तित्व नहीं
सूर्य के उदय
होते ही ये
धुंधलाते है
और फ़िर
विलीन
हो जाते है ।

पर काली
अंधेरी रात
इसकी तो
अलग ही
हो जाती
है बात |

आकाश मे
चन्दा के
राज्य मे
तारो का
झिलमिलाना
टिमटिमाना
जगमगाना
मेरे दिल को
लुभा जाता है |

कुछ बड़े तारे
कुछ छोंटे तारे
पर सबका
मिलजुल कर
साथ - साथ
पर कुछ दूरी
बना कर रहना |
चाहों अगर
कुछ सीखना
तो ये हमें
बहुत कुछ
सिखा जाता है |

दिन भर का
मेरा भटका
थका हारा मन
तारो की
ओड़नी ओडे इस
आसमान के
आँगन आ
बड़ी राहत
पा जाता है ।

और कुछ
ही पलो मे
नभ की
गोद मे
खेल रहे
तारो से खूब
घुल -मिल
सा जाता है |

और अब
शुरू हो
जाता है मेरा
तारा समूह को
खोजना
पहचानना |
वैसे तो
ये है 88
पर मेरी नज़रे
सप्त ऋषी मंडल
पर जा कर
ही लेती है टेक |

जब से
होश संभाला
और मेरे
बाबूजी ने
इनसे मेरा
परिचय कराया
बराबर रहा है
साथ हमारा |

गाँव छूटा
शहर बदले
मेरे बाबूजी भी
बरसों पहले
साथ छोड़ चले |
पर तारा मंडल ने
नहीं छोडा
कभी भी
मेरा साथ |

धन्य हूँ
और आभारी भी
प्रकृति की
पा कर
अतुलनीय
ये सौगात |

9 comments:

वन्दना अवस्थी दुबे said...

वाह बहुत सुन्दर रचना. पहली बार आई हूं आपके ब्लौग पर बहुत अच्छा लगा.

Swatantra said...

Beautiful!! I remembered my days in the childhood, when we use to watch the stars at the open sky...

You add my link again in your blog list, then it will show my updates..

amita said...

kahete hai jo Ishwar ko pyare ho jaate hai voh tara ban jaate hai.
ishi tara mandal me main meri maa ko khj rahi hu. kahi to hogi......

Neha said...

wonderful write up...i am feeling all nostalgic, remembering my childhood days...

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

wah.....bahut sundar...sach hai ki hum prakriti se bahut kuchh seekhate hain......badhai

sm said...

nice poem

Urmi said...

बहुत ही ख़ूबसूरत, भावपूर्ण और लाजवाब रचना लिखा है आपने जो काबिले तारीफ है! मेरे इस ब्लॉग पर आपका स्वागत है-
http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com

shama said...

Andhere, jeevan ke ho yaa aasmaan ke kayee saty ujagar karte hai..
'krunpakshke kale syah andhere,
kayee raaz ujagar kar gaye,
.........................
wo rahnayee kar gaye'

mereehee paktiyan hain....aapko nazar...

http://kavitasbyshama.blogspot.com

http://shamasansmaran.blogspot.com

http://baagwaanee-thelightbyaloneypat.blogspot.com

http://aajtakyahantak-thelightbyalonely path.blogspot.com

kshama said...

behad sundar rachana...ham apne haathonse shama bujha dete hai,jab soorajki raushani miltee hai...ye prateekatmak hai, garaz khatm to wadya chahe mare!