Saturday, August 29, 2009

प्रकृति

चट्टानों से टकरा कर भी
खिलखिलाना कोई लहरों से सीखे ।
हजारो राज़ अपने मे सहेज
रखने की कला कोई सागर से सीखे ।

काँटों से घिरे रह कर भी
मुस्काना कोई गुलाब से सीखे ।
क्षमता से अधिक श्रम करने की
लगन कोई चींटी से सीखे ।

कुछ सीखना है तो प्रकृति
के पास शिक्षको की कमी नही ।
नि शुल्क सीखने की सुविधा
किसीको मिलेगी क्या कंही ?

Thursday, August 27, 2009

मन

सबको खुश
देखती हूँ मै जब
मेरा मन भी
खिल उठता है ।

उदास किसी
को भी जब देखू
ये भी अनमना
सा हो जाता है ।

दूर जो है अपने
अभी मुझसे
पाती हूँ उन्हें भी
अपने ही पास ।

अपने मन को
जंहा चाहे वंहा भेजू
ऐसी जादुई शक्ति
जो है मेरे पास ।

आशंकाए

आशंकाए इनसे
सभी दूर भागते
फिर भी आ सर
मंडराने लगती है |

ऐसे मे जीना
हो जाता है दूभर
और दिल की
धड़कने भी बड़ती है |

धैर्य भी किनारा
कर लेता है
हम तब असहाय
महसूस करते है |

ऐसे मे सांतवना
के कुछ शव्द
हमारा मनोबल बढाने
का काम करते है |

Thursday, August 20, 2009

सबक

अपने साथ
कुछ अप्रिय
घटे तो असीम
दुःख होता है ।
दूसरो के साथ
ऐसा घटे
तो चर्चा का
विषय बनता है ।

पल , कभी धूप
कभी छाव के
ये तो सभी के
आँगन आएँगे ।
कभी तपन
तो कभी ठंडक
जीवन मे
ये सभी के लाएँगे ।

सोचिये ! क्या
बीतेगी आप पर?
जब आपके
आँगन आ
धूप मे हाथ
सेंक कर
राहगीर आगे
बड़ जायेंगे

पीड़ा ,पीड़ा
ही होती है ।
अपनी हो या
फ़िर परायी।
शायद अब
ये सबक .........
हम जरूर
सीख जाएँगे ।

नीति मार्ग

हकीकत पर
डालना परदा
होता है सदैव
अपने से ही तो छल ।
दुनिया तो
भांप ही लेगी
धक्-धक् भी आपके
साथ रहे हर पल ।


अपने आदर्श
अपने सिद्धांत
इनसे न कभी
आप नाता तोडिये ।
नीति के मार्ग
पर सदा चलकर
उज्वल भविष्य से
स्वयं को जोड़िये ।

Tuesday, August 18, 2009

ठहराव

हलचल ने किया
है प्रस्थान
तो हुआ है
ठहराव का
आगमन ।

लगता है
सब कुछ
व्यवस्थित है
इस विश्वास का
है स्वागतम ।

धडकनों ने भी
गति धीमी
कर ली अब
विश्राम कर रहा
चिंतन-मनन ।

हलचल से दूरी
विश्वास से लगाव
इसी प्रकृति से ही
तो आता है सभी के
जीवन मे ठहराव ।

Saturday, August 15, 2009

नास्तिक / आस्तिक ?

भटका, पथिक
चलते -चलते
हताश हो
रुक गया ।

आत्म विश्वास
उसका अब
स्वयं से था
उठ गया |

सामने न थी
उसकी मंजिल
और साथ न
कोई था पता । ।

बड़ी ही
थकी नज़रो
से ऊपर, शायद
आसमा को देखा ।

और बोला
बहुत हुआ
अब बस कर
और ना सता । ।

Friday, August 14, 2009

Comments Technical Issue solved

Hello all

There was a technical issue with visitors not able to leave comments on the blog. This problem is now solved. Here is the link that helped - http://blogging.nitecruzr.net/2009/05/problems-with-posting-comments-to-blogs.html.

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Sarita (apnatva.blogspot.com)

Thursday, August 13, 2009

नींव

कल्पना की नींव
पर बना महल भी
महज़ एक हवा के
झोंके से, उड़ सकता है ।

पर यथार्थ की नींव
पर बनी, एक झोपडी
तूफ़ान से भी टक्कर
लेने का हौसला रखती है ।

Wednesday, August 12, 2009

मिसाल

बहुत व्यस्त होते हुए भी जो
सभी का रखते है पूरा ध्यान |
ये ही वजह तो नही कि अपनो के
बसते ऐसे व्यक्ति मे प्राण |

सभी के हितों को लेकर चलने वाला
बन ही जाता है सब के लिए एक मिसाल
ऐसे व्यक्ति से अगर आप जुड़े हो
अवश्य ही महसूस करेंगे स्वयं को निहाल

Sunday, August 9, 2009

दुविधा

एक तरफ़ हो कुँआ
दूसरी तरफ़ खाई ।
लाख शुक्र है ईश्वर का
ये स्थिती मेरे जीवन में
आज तक कभी नही आई । ।

पर मैंने इस दुविधा में
लोगो को झूलते है देखा ।
मिटा नही सकता
कोई भाग्य का लिखा लेखा । ।

ऐसे में मुश्किल हो
आसानी से कोई
भी निर्णय लेना ।
बस ये ही प्रार्थना
कर सकते है कि सबको
भगवन सत्बुद्धी देना । ।

Wednesday, August 5, 2009

वादा

इन्होने कभी किया था
मुझसे कोई वादा ।
याद दिलाया तो जवाब
दिया था सीधा -सादा । ।

तुम्हारा कोई सपना
नही रहेगा अधूरा ।
थोड़ा समय दो सब
करूँगा मै जरूर पूरा ।।

एक बात तो है व्यक्तित्व मे
मैंने हमेशा ही दिल से मानी ।
होकर रहता है वही जीवन मे
एक वार जो है इन्होने ठानी ।।

जो चाहो तुंरत मिले तो
आए वो मज़ा भी नहीं ।।
कुछ तरसे, इंतजार करे
फिर मिले तो क़द्र होती है, सही ।।

Saturday, August 1, 2009

प्रतीक्षा

प्रतीक्षा,ये भी अपने आप मे
एक अनूठा सा अनुभव है ।
कौतुहल ,बेचैनी ,उत्सुकता
इन सभी भावों का संगम है ।।

मेरे जीवन मे भी आकर
इसने डेरा जमा है डाला ।
समय काटे नही कट रहा
लाख यतन कर डाला ।।

रोज़ ही बिटिया से बात होती
फिर भी संतोष नही ।
हर माँ का दिल ऐसा होता है
मेरा भी कोई दोष नही ।।

सब्र का फल मीठा होता है ।
कह गए बड़े -बूडे और ज्ञानी ।
पर ममतावश मजबूर हूँ
कहावत से नही, मै भी अनजानी । ।

मन को बहुत प्यार से समझाया तो है
कुछ सप्ताह की ही तो अब है बात ।
मान गया तो अच्छा ही है
वरना जैसा रखेगा , रहेंगे इसके साथ । ।