अपने जब
चिर विदा ले तो
दे जाते है
हमे असीम गम
साल बीतने
को आया पर
याद आते ही
आँखे होती
आज भी नम
तुम्हे खोने
का बोझ
मन पर है
बड़ा ही भारी ।
चल चित्र
की तरह
बीता समय
सामने आने
का क्रम अब
भी है ज़ारी ।
अब तुम नहीं
पर यादें है साथ ।
आज भी मार्गदर्शन
होता है और
बन जाती है
बिगडती बात ।
खुश हूँ कि
सालो तुम्हारा
आत्मिय साथ मिला।
तुम्हारा असहनीय
दर्द देखा समझा
इसीसे जिन्दगी
से नहीं किया
कोई गिला।
Thursday, March 22, 2012
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