वो चली गयी
सदा के लिये
एक लम्बे
सफर पर
हम सभी को
तनहा छोड़
भावनाए पीछा
कर रही
लगा रही
अब भी दौड़
जानती हूँ वो
अब लौट कर
कभी नही आएगी
अब यादे ही
साथ निभाएंगी
साथ बीते
कीमती लम्हों को
करीने से
लगाना है
यूं अभी व्यस्त
रहने का
मुझे मिल गया
बहाना है ।
२१ साल का साथ था हमारा । मुझसे बहुत छोटी भी थी ।
शैल तुम बहुत प्यारी हिम्मत वाली रही बड़ी सहजता से अपने दर्द को सहा पर उस दिन ना जाने कैसे तुम्हारा दर्द आँखों मे उतर आया और मेरी भावनाओ की पगडंडी पर दबे पाव चलता हुआ सीधे दिल मे उतर गया । अब तुम सदैव मेरे साथ हो ।
ये कैंसर दुबारा आ जाए तो किसी को नही बख्शता । जमीन आसमान एक कर दिया था शैलेन्द्र ने पर उनकी एक ना चली ।
cyber knife doctors टीम के सभी प्रयास विफल रहे ।
कल तेरही थी हम सब इकठ्ठा हुए थे और तुम्हारी जगह एक तस्वीर थी ......उफ तुम्हारे सभी परिचितों रिश्तेदारों और सहेलियों के चेहरों पर तुम्हे खोने का दर्द साफ़ दिख रहा था.......
तुमने हमारे दिलो पर राज किया था और सदैव करोगी ।