अभावों का बस
जंहा देखो वंहा
होता ही रहता
है क्यों जिक्र ?
इसमें नाहक समय
बर्बाद हो रहा
इसकी क्यों नही होती
किसी को तनिक फ़िक्र ?
Sunday, March 27, 2011
Sunday, March 20, 2011
होली और जज़्बात
चलिये आज हम सब
जाति धर्म के नाम
फूट डालने वाले जज्वातों को
होली के साथ भस्म कर डाले ।
" खून का रंग एक है "
इस नारे के साथ
भाई चारे का पैगाम
हर रंग मे रंग नीले आसमां तले
मिलकर बिखेर डाले।
ये ही जज़्वात पिछले साल भी मैंने ज़ाहिर किये थे ।
जाति धर्म के नाम
फूट डालने वाले जज्वातों को
होली के साथ भस्म कर डाले ।
" खून का रंग एक है "
इस नारे के साथ
भाई चारे का पैगाम
हर रंग मे रंग नीले आसमां तले
मिलकर बिखेर डाले।
ये ही जज़्वात पिछले साल भी मैंने ज़ाहिर किये थे ।
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