आज मै अपनी मंझली बिटिया के पास जा रही हूँ ।
उसके अंगना एक नन्ही
परी जो आने वाली है ।
चोंकिये नहीं UK , USA में बता दिया जाता है तांकि आप उसी हिसाब से तैयारी करले , नाम सोंच ले ।
भारत वापसी सितम्बर मे ही होगी ।
लैपटॉप तो साथ जा रही है फिर भी शायद अनियमितता रहे सभी पोस्ट ना पढ़ पाऊ और कमेन्ट भी समय पर ना दे पाऊ
।
मेरा ही नुक्सान है और वो होने नहीं देने का प्रयास रहेगा ।
पचास पचपन साल पहिले जो मेरा बचपन बाबुल की चौखट छूट गया था ।
वो ही तीस - पैतीस साल पहिले मेरे अंगना मेरी
बेटियों के साथ लौट आया था ।
अब ये ही मेरी मंझली बिटिया के आँगन
लौट आ रहा है ।
ये ही जीवन चक्र है ।बहारे आती थी आती है आती रहेंगी इसी सकारात्मक रवैया के साथ एक लम्बी छुट्टी
।