स्वछंद माहौल गर हो
हवा को मिलता है मौका
राहत देने का हमे गर्मी में
बनकर सुहावना झोंका
बंदिशे लगी तो इनपर
आती है सब पर शामत
तूफ़ान बन कर लाती है
हम पर ये आफत
तेवरों में जब इसके
आती है कुछ नमी
सर्दी की ठिठुराहट में
पाते है हम कमी
बड़े बड़े अडिग सूरमा भी
अब हवा के रुख को तकते है
जिधर को ये चल पड़ी
उसी ओर खुद भी बहते है
हवा को मिलता है मौका
राहत देने का हमे गर्मी में
बनकर सुहावना झोंका
बंदिशे लगी तो इनपर
आती है सब पर शामत
तूफ़ान बन कर लाती है
हम पर ये आफत
तेवरों में जब इसके
आती है कुछ नमी
सर्दी की ठिठुराहट में
पाते है हम कमी
बड़े बड़े अडिग सूरमा भी
अब हवा के रुख को तकते है
जिधर को ये चल पड़ी
उसी ओर खुद भी बहते है